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Showing posts from October, 2018

स्वर्गीय श्री रामा कृष्णा तत्कालीन अधिशासी अभियंता की पत्नी ओ॰एस॰डी॰ बनीं

  हरिद्वार। हरिद्वार से स्थानांतरित होकर मुरादाबाद गए अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड में पदस्थापित रहे अधिशासी अभियंता श्री रामा कृष्णा की पत्नी को उत्तर प्रदेश शासन ने मृतक आश्रित को नौकरी के प्रावधान के मद्देनज़र विशेष कार्याधिकारी ( ओ॰एस॰डी॰ ) के पद पर नियुक्ति हेतु आदेश जारी किए। उल्लेखनीय है कि अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड मुरादाबाद के अधिशासी अभियंता पद पर रहते श्री रामा कृष्णा का देहांत लखनऊ मुरादाबाद के बीच एक भीषण दुर्घटना में हो गया था।   श्री   रामा कृष्णा जी   उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मध्य गंगा नहर निर्माण खंड प्रथम हरिद्वार से परिवर्तित कर बनाए अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड मुरादाबाद को मुरादाबाद स्थानांतरित करने का विशेष प्रयास भी कर रहे थे। श्री   रामा कृष्णा जी एक साफ़ सुथरी छवि एवं कर्मठ अधिकारी माने जाते थे।  

राम मंदिर का निर्माण गप्पू करेगा या पप्पू?

हरिद्वार। भाजपा धर्म, आस्था और विकास की विरोधी है वह न तो मंदिर निर्माण करना चाहती न ही गंगा की सफाई और गायों का संरक्षण केवल और केवल सत्ता में बने रहने के लिए धार्मिक भावनायें भड़काकर वोट लेती है। रामजन्म भूमि का ताला पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खोला था और निर्माण भी कांग्रेस का ही कोई नेता करेगा। देश की जनता अब भली प्रकार जान गयी है कि एक मंदिर में पूजा करते महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले, अयोध्या में धर्मस्थल ;चाहे वह मंदिर हो या मस्जिदद्ध ध्वस्त करने वाले तथा शबरी माला मंदिर पर राजनीति करने वाले अयोध्या में कभी मंदिर का निर्माण नहीं करेंगे। जब-जब चुनाव आते हैं दल विशेष से जुड़े लोग मंदिर निर्माण की गप्प हांकना शुरु कर देते हैं और चुनाव बीत जाने के बाद पुनः चार साल तक चुप होकर बैठ जाते हैं। कुछ साधु-संत जो पूजा पाठ के स्थान पर कुकर्म कर जेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं उनकी बिरादरी भी चुनाव आते ही राम-राम मंदिर-मंदिर की चिल्ल-पों मचाने लगती है और चुनाव के बाद बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, मातृशक्ति का सम्मान करो, गाय और गंगा सफाई के नाम पर सरकारी धन में बंदरबांट करने में लग जाते

यह है मोदी का गुजरात माडल

हरिद्वार। दिल्ली में सीबीआई अफसरों की अदला-बदली को लेकर चल रही उठापटक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चार वर्षों में की गई तानाशाही की सारी पोल पट्टी खोल दी है और सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्रधानमंत्री पर जितनी उंगलियां आज उठ रही हैं उतनी आजादी के सत्तर साल में अब तक किसी प्रधानमंत्री पर नहीं उठीं। न्यायपालिका का यही रुख रहा तो नरेन्द्र मोदी अब तक सत्ता संचालन के सर्वाधिक तानाशाह प्रधानमंत्री के रुप में जाने जायेंगे। सीबीआई और ईवीएम के माध्यम से अपने पक्ष में मतदान कराने, योजना आयोग का नाम और स्वरुप बदलने के साथ ही राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों का भी दुरुपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। सीबीआई हमारे देश की ऐसी सर्वोच्च संस्था है जिसके निदेशक की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री कार्यालय, सर्वोच्च न्यायालय तथा नेता प्रतिपक्ष की सहमति से होती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने विपक्ष एवं न्यायपालिका सभी के अधिकारों को ताक पर रखकर वहां भी अपने गुजरात वाले जाने-माने माडल का प्रयोग कर अपनी भद्द अपने आप पीट ली है। वास्तविकता यह कि नरेन्द्र मोदी देश के सबसे सम्पन्न और समस्या विहीन प्रदेश

मोदी के गुजरात माडल ने गिरायी संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा

हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात जैसे छोटे, सम्पन्न तथा समस्याविहीन राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और तीसरी बार मुख्यमंत्री चुने जाने के पहले ही उनको वहां के पंूजीपतियों ने गोद ले लिया था यही कारण था कि 2011-12 में गुजरात विधानसभा के लिए सम्पन्न हुआ चुनाव नरेन्द्र मोदी ने इन्हीं पूंजीपतियों के बल पर जीता था, उस चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के किसी बड़े नेता अथवा स्टार प्रचारक को अपने यहां नहीं बुलाया और अपने बलबूते अकेले ही चुनाव जीत कर यह सिद्ध कर दिया कि पार्टी में उनका कद इतना बड़ा हो गया है अब वे प्रधानमंत्री की कुर्सी भी संभाल सकते हैं। गुजरात के पूंजीपतियों की पहल पर ही मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया और उनकी रैलियों में अरबों रुपये की धनराशि भी इन्हीं पूंजीपतियों ने खर्च की जिनके लिए नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक काम करते आये हैं पेट्रो पदार्थों के बाद राफेल सौदे में हुई ड्रील के बाद और सीबीआई प्रकरण से अब सारे मामले परत दर परत खुलने प्रारम्भ हो गए हैं तथा जनवरी तक देश की राजनीति में किसी बड़े भूचाल की संभावना से भी इं

वोट के बदले शराब क्यों पिलाते हैं प्रत्याशी

हरिद्वार। उत्तराखण्ड राज्य में आजकल स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। राजनीति कितना बड़ा कारोबार बन गया है इसका अंदाजा राजनेताओं की चुनाव जीतने के बाद बढ़ी सम्पत्तियों के आकलन से लगाया जा सकता है। इस छोटे से चुनाव में टिकट की कितनी मारामारी चली, साम, दाम, दण्ड, भेद सबकुछ प्रयोग में लाया गया आखिर क्यों, क्या यह सब जनता की सेवा करने की भावना का जुनून है या नेता बनकर धनपति बनने के कारोबार की बुनियाद मजबूत करने का। हमारे देश में कौन गरीब है और कौन-कौन रईस है, गरीब-गरीब कैसे बना और रईस-रईस कैसे बने तथा सूफी व्यक्ति शराबी कब बनता है। एक सीधा-सादा युवा शराब की लत कब पकड़ता है इन सब के पीछे चुनाव ही हैं देश में जब भी चुनाव आते हैं। 15-20 प्रतिशत नया शराबी पैदा हो जाता है। तीन-चार प्रदेशों में किए गए सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव में प्रत्याशी मुफ्त की शराब बांटते हैं और नवयुवक एक सप्ताह की इस चुनावी अवधि में शराब पीने के आदी हो जाते हैं फिर पांच वर्ष तक अपने पैसे से खरीद कर शराब पीते हैं जिससे सरकार को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति होती है इस सारी प्रक्रिया को संत समाज और सरकारी अधिका

निष्पक्ष पत्रकारिता ही सबसे बड़ा धर्म : स्वामी अवधेशानन्द गिरि

हरिद्वार। भारत के पत्रकारों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त संस्था नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इण्डिया) की जनपद इकाई के तत्वावधान में आज पत्रकारिता के महान स्तम्भ अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की जयन्ती, समारोह के उपलक्ष में ‘गणेशशंकर विद्यार्थी व वर्तमान पत्रकारिता’ पर एक ऐतिहासिक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में प्रख्यात पत्रकार राहुल देव एवं मुख्य अतिथि के रुप में सम्पूर्ण विश्व को अध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत करने वाले जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने अपने आशीवर्चनों से अभिसिंचित किया।पत्रकारिता को मुख्य अतिथि के रुप में मार्गदर्शन देते हुए जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि पत्रकारिता सबसे बड़ा धर्म है जो समाज की संवेदनशीलता के प्रति सजग रहकर अपने दायित्व एवं चुनौतियों में सामंजस्य स्थापित करता है। मिशनरी पत्रकारिता को साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकार समस्त मूल्यों पर व्यवस्थाओं का प्रबंध करता है लेकिन पत्रकार जब सत्य और साहस भूल जाता है तब देश और समाज का बड़ा अहित हो जात

मोदी देश का सबसे बड़ा धोखेबाज

हरिद्वार। लोकसभा चुनाव 2014 से पूर्व भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत का कालाधन विदेशों में जमा है और वे यदि प्रधानमंत्री बन गए तो तीन माह के अन्दर समस्त कालाधन वापस भारत में ले आयंेगे, उन्हांेने विदेशों में जमा भारत के कालेधन का आंकलन करते हुए बताया था कि पूरा धन वापस आने के बाद प्रत्येक भारतवासी के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा कराये जा सकते हैं। देश की जनता ने उनकी बातों पर विश्वास किया और उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे न केवल अपना वादा भूल गए बल्कि वर्तमान में उन विदेशी बैंकों में जमा धनराशि डेढ़ गुनी हो गयी बतायी जाती है। बीते तीन वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति में आयी गिरावट का आंकलन किया जाये तो विभिन्न कम्पनियां बनाकर लगभग आधा दर्जन देश के बड़े कर्जदार बैंकों का पैसा लेकर खुलेआम विदेश चले गए और चौकीदार ने उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गत दिवस उठाये गए बड़े कदम के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब अमेरिका डॉलर की कथित धोखाधड़ी करने वाले हीरा करोबारी नीरव मोदी की 255 करोड़ रुपय

भाजपा जो कहती है उसका उलटा ही करती है

हरिद्वार। युग बदल रहा है, देश बदल रहा है नेताओं की जुबान बदल रही है और जो कहा जा रहा उसका उल्टा किया जा रहा तो समझ लो कि आजाद मुल्क को गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है क्योंकि स्वतंत्र देश के सत्तर वर्षों के इतिहास में पहली बार ऐसा महसूस किया जा रहा है कि सारी शक्तियां एक ही व्यक्ति में केन्द्रित हो गयी हैं वह सेना के अधिकारियों पर भी भारी है तो भ्रष्टाचार एवं अपराध करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वालों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। अब यह सिद्ध हो रहा है कि उस बंदे ने कुर्सी संभालने से पहले जो कहा कुर्सी पर बैठने के बाद ठीक उसका उलटा किया। देश की जनता को यदि 2013-14 में लोकसभा चुनाव से पूर्व किए गए वादे याद हों तो एक-एक वादे पर शोध करके देखें कि जो कहा था उसका उलटा हुआ कि नहीं। देश से कालाधन समाप्त करने और विदेशों से कालाधन वापस लाने की बात हुई थी जोर इस बात पर था कि विदेशों में जमा कालाधन वापस भारत लाया जायेगा ठीक उसका उलटा हुआ कि एक चवन्नी भी उस कालेधन में से भारत नहीं आयी बल्कि विदेशी बैंकों में उस समय की तुलना में जमा राशि और बढ़ गयी तथा कई लाख करोड़ के कर्जदार भ

समाजवादी युवजन सभा के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बने आशीष यादव

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरिद्वार निवासी सपा के कर्मठ युवा नेता आशीष यादव को उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा एवं सक्रियता के आधार पर पुनः समाजवादी पार्टी युवजन सभा उत्तराखण्ड में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इस आशय का मनोनयन पत्र उन्हें सपा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत तथा लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर यादव ने सौंपा तथा सपा महानगर कार्यालय पर कार्यकर्त्ताओं ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। आशीष यादव के मनोनयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी समाज में समरसता बनाने का काम करती है जबकि केन्द्र तथा अनेक राज्यों में सत्तारुढ़ एक दल विशेष की सरकारें धर्म एवं जाति के नाम पर साम्प्रदायिक्ता फैलाकर समाज को आपस में बांटने का काम कर रही हैं इसीलिए उनकी कार्यशैली से पूरे देश की जनता क्षेत्रीय राजनैतिक दलों की तलाश में है और उत्तराखण्ड में आसन्न स्थानीय निकाय चुनाव में सपा अच्छा प्रदर्शन करेगी। समाजवादी पार्टी युवजन सभा के दोबारा

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर होने वाली हड़ताल टली

उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर होने वाली हड़ताल फिलहाल टाल दी गई है।  इससे सरकार ने फिलहाल बड़ी राहत की सांस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत और मंच की मांग पर विचार और फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव द्वारा  अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के बाद कर्मचारी-शिक्षक-अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने बृहस्पतिवार से प्रस्तावित  हड़ताल को दो महीने के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। इस समिति में  मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा और संयोजक हरिकिशोर तिवारी को शामिल किया गया है। यह कमेटी दो महीने में रिपोर्ट देगी।  उत्तर प्रदेश शासन के एक कार्यालय ज्ञाप के द्वारा समिति निम्न प्रकार होगी: अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक- अध्यक्ष अध्यक्ष, पेंशन फंड रेग्युलेटरी डवलपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) की सहमति के उपरांत उनका एक प्रतिनिधि -सदस्य अपर मुख्य सचिव, नियोजन - सदस्य अपर मुख्य सचिव, वित्त-सदस्य प्रमुख सचिव - न्याय -सदस्य निदेशक पेंशन - सदस्य सचिव डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा - विशेष आमंत्रित सदस्य हरिकिशोर तिवारी -

समाजवादी पार्टी को दो फाड़ करने का जिम्मेदार कौन?

हरिद्वार। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दो टुकड़ों में बंट जाने के बाद अब अन्य विपक्षी दलों की बांछे खिल गयी हैं और सरकार चलाने में हर मोर्च पर विफल हो चुकी भाजपा में भी आशा की किरणें जागृत होने लगी हैं। समाजवादी पार्टी में अपने भाई मुलायम सिंह यादव तथा भतीजे अखिलेश यादव की कार्यशैली से क्षुब्ध शिवपाल सिंह यादव ने अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नाम से अपना अलग राजनैतिक दल पंजीकृत करवा लिया है जो आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी  में विगत डेढ़ वर्ष से अंर्तकलह चल रहा था। सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सपा को अपनी पैतृक सम्पत्ति समझते हुए विरासत के तौर पर अपने सगे पुत्र अखिलेश यादव को ही सपा का उत्तराधिकारी बनाने का मन बना चुके थे इसके लिए उन्होने अनेकों राजनैतिक दांवपेंच चले अंततोगत्वा जिन अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी लगातार दो चुनाव हारी उन्हें ही पार्टी का सर्वेसर्वा बना दिया तथा जो भाई शिवपाल सिंह पार्टी के गठन से लेकर अब तक उनके साथ कंधे से कंधा मिलाये खड़े रहे उन्हें सपा से बाहर जा

चुनाव में जनता चुकायेगी सरकारी कार्यशैली का बदला

हरिद्वार। उत्तराखण्ड में स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है। लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनावों के नतीजे ही सरकार की कार्यशैली के प्रमाण होते हैं क्योंकि जनता के हाथ में पांच साल बाद ही मताधिकार रुपी वह चाबी एक बार आती है जब वह बताती है कि उसके चयनित प्रत्याशियों ने जो किया उससे जनता खुश है या नाखुश। उत्तराखण्ड राज्य के मैदानी जनपदों विशेषकर देहरादून, हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर में अतिक्रमण एवं मार्गों के चौड़ीकरण के नाम पर आम जनता तथा व्यापारियों के साथ सरकारी अमले का कैसा बर्ताव रहा उसका जवाब जनता इन चुनावों में देगी। उत्तराखण्ड की डबल इंजन वाली सरकारी गाड़ी की चाल कैसी रही जनता इसका प्रमाण प्रस्तुत करेगी। राज्य के मैदानी जनपदों में पहाड़ से हुए पलायन के बाद आबादी का भार बढ़ गया था जिससे आवागमन की समस्या विकराल रुप धारण कर चुकी थी तो सरकार ने उच्च न्यायालय का सहारा लेकर समस्या के समाधान का जो रास्ता निकाला उससे जनता में क्या प्रतिक्रिया हुई है स्थानीय निकाय चुनाव से स्पष्ट हो जायेगी।  गढ़वाल मण्डल में देहरादून के बाद हरिद्वार में त्योहारी सीजन नवरात्र और दीपावली से पूर्व अ

भाजपा को क्यों वोट देगी जनता?

हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक घटक है जो स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय से ही अपनी अलग विचारधारा के रुप में जाना जाता है। संघ के तत्कालीन कई नेताओं पर अंग्रेजों की जी-हजूरी तथा स्वतंत्रता संग्रमा सेनानियों की जासूसी करने के भी आरोप लग चुके हैं। भाजपा के पास कांग्रेस तथा अन्य दलों की बुराई करने के अलावा कोई विजन नहीं है। कांग्रेस की बुराई के आधार पर तथा देश की जनता से झूठे वादे कर भाजपा केन्द्र की सत्ता में काबिज हुई और विभिन्न राज्यों में अंग्रेजों वाली नीति फूट डालो और राज करो की योजना के तहत ही अन्य दलों से गठबंधन कर अथवा दूसरे दल को दो फाड़ कर सत्ता कब्जायी। केन्द्र हो या राज्य भाजपा के शासनकाल में जनता का हर वर्ग परेशान है किसी वर्ग, जाति या धर्म के लोगों के चेहरे पर मुस्कान नहीं है और तो और भाजपा के ही पुराने और निष्ठावान नेताओं को किनारे लगा दिया गया है तथा देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराकर 21वीं सदी को साधन सम्पन्न समाज प्रदान करने वाली कांग्रेस पार्टी तथा उसके राजनेताओं को ऐसे-ऐसे संबोधन प्रदान कर दिए गए हैं कि भारत के मुख्य राजनैतिक परिवार के उत

राज सिंहासन पर विराजमान हुए श्रीराम

हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी रजि. के तत्वावधान में 18 दिन तक धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए चले रामलीला मंचन का आज श्रीराम राजतिलक के साथ समापन हो गया। श्रीरामलीला भवन में भव्य रुप में सजाये गए राम दरबार में वैदिक पूजन के साथ राजगुरु वशिष्ठ ने भगवान राम को तिलक लगाकर राज गद्दी पर आसीन किया, श्रीराम राज्याभिषेक पर तीनों माताओं ने हर्ष की अनुभूति व्यक्त की तथा श्रीरामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने श्रीराम दरबार में आरती उतार कर देश में रामराज्य की स्थापना के साथ लोक कल्याण की कामना की। भगवान श्रीराम के राजतिलक समारोह को सम्बोधित करतेे हुए श्रीरामलीला सम्पत्ति कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष गंगाशरण मददगार ने कहा कि भगवान श्रीराम धर्म, मर्यादा एवं चरित्र निर्माण की प्रतिमूर्ति हैं और नैतिक पतन के इस युग में समाज को धर्म के मार्ग पर बनाये रखने के लिए रामलीला मंचन जैसे कार्यक्रमों के वृहद स्तर पर आयोजन की आवश्यकता है। श्रीरामलीला मंचन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जिसका चरित्र उत्तम एवं जीवन परोपकार के लिए समर्पित होता है समाज में उसी के चित्र की पूजा होत

निकाय चुनाव में किस आधार पर मांगेंगे जनता से वोट

उत्तराखण्ड सरकार काफी समय से न्यायालय का सहारा लेकर स्थानीय निकाय चुनाव टालती रही अंततोगत्वा चुनावी बिगुल बज ही गया। सरकार की मंशा का खुलासा पहले ही दिन हो गया जब चुनाव की कोई तैयारी न होने का प्रमाण इस बात से लगा कि नामांकन पत्र लेने वाले जब पहुंचे तो कहीं भी तैयारी पूर्ण नहीं मिली। फिलहाल सत्तारुढ़ दल ईवीएम पर भरोसा किए बैठा था लेकिन अब चुनाव मत-पत्र के माध्यम से ही होंगे। ईवीएम का इतिहास रहा है कि वह भारत ही नहीं विश्व के अन्य देशों में भी अपनी अविश्वसनीयता दर्शा चुकी है इसीलिए कई देशों ने ईवीएम के स्थान पर मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराने प्रारम्भ कर दिए हैं लेकिन हमारे देश में यह अब भी बहुत बड़ा अपवाद बना हुआ है। तानाशाही कोई भी चला ले लेकिन ईवीएम के सहारे कराये गए मतदान को सही नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि उसके परिणाम में बदलाव संभव है जिसका प्रयोग अब तक केन्द्र की सत्ता में रही दोनों पार्टियां कर भी चुकी हैं। दोनों पार्टियों द्वारा एक-दूसरे पर लगाये जा रहे आरोप-प्रत्यारोपों से अब यह सिद्ध हो गया है कि ईवीएम के सहारे बेईमानी करना आसान है फिर भी ईवीएम में कमी पाई जाने के बाद अब किसी

श्रीरामलीला कमेटी ने बढ़ाया सनातन संस्कृति का गौरव

हरिद्वार। विजयदशमी के साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की लीला तथा शक्ति उपासना के रुप में मनाया जाने वाला नवरात्र साधना का समापन हो गया है अब श्रीराम का राज्याभिषेक होना है जो आज हो जायेगा। पंचपुरी की विभिन्न रामलीलाओं में श्रीरामलीला कमेटी द्वारा दर्शायी गयी लीला की दर्शकों द्वारा मुक्त कण्ठ से की गयी सराहना का ही परिणाम था कि रोड़ी बेलवाला में आयोजित विजयदशमी समारोह में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष तथा पूर्व जिला जज कवरसेन मुख्य अतिथि के रूप से उपस्थित थे। ज्ञात हो कि इस रामलीला के आयोजन की तैयारियों में कमेटी के पदाधिकारी दो माह तक अनवरत प्रयासरत रहते हैं। श्रीरामलीला सम्पत्ति कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष गंगाशरण मददगार तथा रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र चड्ढा ने बताया कि भगवान श्रीराम की लीला को सम्पूर्ण समाज के लिए प्रेरणादायी बनाने के उद्देश्य से ही सभी सदस्य एवं पदाधिकारी दो से तीन माह तक बेहतर आयोजन के प्रयास करते हैं। रंगमंच पर विभिन्न पात्रों के अभिनय से पूर्व उनका अनेकों बार परीक्षण किया जाता है तथा पात्रता के विपरीत या रंगमंच पर अनुशासनहीनता करने वाले पात्र को

विजयदशमी पर क्षत्रिय समाज ने शस्त्र पूजन कर किया यज्ञ का आयोजन

हरिद्वार। अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के तत्वावधान में कनखल स्थित श्रीराजपूत पंचायती धर्मशाला में विजयदशमी का उत्सव क्षत्रिय वशी परम्परा के अनुरुप शस्त्रपूजन तथा विश्व कल्याण यज्ञ के साथ मनाया गया जिसमें सभी क्षत्रिय बन्धुओं ने शस्त्र पूजा कर समाज में व्याप्त कुरीतियों तथा विसंगतियों पर विजय पाने का संकल्प लिया। समाज कल्याण महायज्ञ की पूर्णाहुति कर शस्त्र पूजा समारोह को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के जिलाध्यक्ष यशपाल राणा ने कहा कि क्षत्रिय वंश समाज का रक्षक है जिसने सभी युगों में अपने अस्त्र-शस्त्रों के बल पर धर्म एवं समाज की रक्षा की है। रघुकुल भूषण मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम को क्षत्रिय समाज का आदर्श बताते हुए उन्होंने कहा कि हम सब श्रीराम के चरित्र एवं मर्यादित आचरण से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं विसंगतियों के शमन का संकल्प लें यही इस पर्व को मनाने की सार्थकता है। संगठन के जिला महामंत्री ठा. हरिसिंह शेखावत ने शिक्षा को समाज की मूल आवश्यकता बताते हुए कहा कि ज्ञान और विद्या ही व्यक्ति के आभूषण हैं और क्षत्रिय समाज अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देक

उपभोक्ता फोरम में सदस्य नामित होने पर अंजना चड्ढा का हुआ स्वागत

हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी रजि. जहां सनातन संस्कृति एवं संस्कारों के संरक्षण तथा संवर्द्धन के लिए कार्य करती है वहीं समाज एवं राष्ट्र के उत्थान एवं व्यवस्था में विशेष योगदान देने वालों को अपने रंगमंच से सम्मानित भी करती है। सम्मान की इसी कड़ी में आज जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य के रुप में नामित होने पर अंजना चड्ढा तथा विपिन कुमार को मिले दायित्व के उत्साहवर्धन स्वरुप उनको शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान सम्पत्ति कमेटी के मंत्री रविकान्त अग्रवाल, डॉ. संदीप कपूर, महाराजकृष्ण सेठ, भगवत शर्मा ‘मुन्ना’ एवं सुनील भसीन ने संयुक्त रुप से दिया।

श्रीरामलीला कमेटी ने असत्य पर सत्य की विजय स्वरुप दशहरा का किया आयोजन

हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी रजि. ने आज गंगा तट के रोडी बेलवाला मैदान पर भव्य दशहरा पर्व का आयोजन कर असत्य एवं अहंकार पर सत्य एवं परोपकार की विजय को सार्थकता प्रदान करते हुए रावण एवं मेघनाद के विशालकाय पुतलों का समारोहपूर्वक दहन किया। इससे पूर्व रोडी बेलवाला मैदान को राजसी अंदाज में युद्धभूमि के रुप में सजाया गया जहां राम और रावण अलग-अलग अपने रथों पर विराजमान होकर युद्धभूमि में उतरे। दहशरा स्थल पर आमने-समाने दो मंचों को इस प्रकार सजाया गया जिसमें एक मंच पर रामादल की वानर सेना तो दूसरे पर राक्षसी सेना के साथ पहुंचा रावण भगवान राम के हाथों अपनी मुक्ति की कामना कर रहा था। दशहरा को विजयदशमी के रुप में जानने की औचित्य की जानकारी देेते हुए श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र चड्ढा तथा सम्पत्ति कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष गंगाशरण मददगार ने बताया कि भगवान श्रीराम ने अयोध्या की बिना जनहानि एवं धनहानि किए वानर एवं भालू इत्यादि के सहारे लंका पर विजय प्राप्त की वहीं रावण ने भी भगवान श्रीहरि के अवतारी श्रीराम के हाथों अपनी मुक्ति के उद्देश्य की पूर्ति हेतु विजय प्राप्त की और उसकी मृत्यु के पूर्

मंगला काली मंदिर पर हुआ यज्ञ एवं कन्या पूजन

हरिद्वार। शारदीय नवरात्र व्रत साधना की पूर्णाहुति पर आज मायापुर स्थित मां मंगला काली मन्दिर में स्वामी विवेकानन्द ब्रह्मचारी के सानिध्य में विश्व कल्याण महायज्ञ के साथ नौ कन्याओं का पूजन कर मां के प्रसाद से भक्तों ने अपना अन्तःकरण पवित्र किया। यज्ञ की पूर्णाहुति से पूर्व भक्तों को संबोधित करते हुए मां मंगला काली मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी विवेकानन्द ब्रह्मचारी ने कहा कि शक्ति की उपासना से दैवीय शक्तियों का प्रादुर्भाव होता है और यज्ञ से वायु मण्डल पवित्र हो जाता है जिससे समाज नाना प्रकार की व्याधि एवं विसंगतियों से मुक्त होकर सुख, शांति एवं आरोग्य का जीवन व्यतीत करता है। शारदीय नवरात्र के वैज्ञानिक महत्व की जानकारी देते हुए उन्हांेने बताया कि सनातन धर्म पर्वों का ऐसा गुलदस्ता है जो बदलते मौसम से सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। नौ कन्याओं के पूजन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि मां आदिशक्ति के नौ स्वरुप हैं तथा प्रतिदिन एक स्वरुप की पूजा होती है इसीलिए व्रत साधना की पूर्णाहुति स्वरुप देवी के नौ स्वरुपों की प्रतीक नौ कन्याओं का पूजन कर भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। यज्ञ क

रोडी बेलवाला मैदान में आज होगा रावण-कुम्भकरण के पुतलों का दहन

      हरिद्वार। अन्याय पर न्याय और असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयदशमी (दशहरा) की समस्त तैयारियां पूर्ण करते हुए श्रीरामलीला कमेटी रजि. ने रोडी बेलवाला मैदान में विशालकाय पुतलों का निर्माण कराया है जो कल (आज) राम-रावण युद्ध के पश्चात विशेष रुप से सजायी गई आतिशबाजी के केन्द्र रहेेंगे। दशहरा मेला की जानकारी देते हुए श्रीरामलीला कमेटी के प्रेस प्रवक्ता विनय सिंघल ने बताया कि रावण कुम्भकरण के पुतलों की विशालता के साथ ही दिल्ली तथा शिवाकाशी से मंगायी गयी आतिशबाजी दशहरा मेला आकर्षण का मुख्य केन्द्र होती है लेकिन श्रीरामलीला कमेटी द्वारा आयोजित विजय दशमी के इस पर्व मंे बाकायदा रामादल एवं रावण की सेना का मुकाबला युद्ध भूमि में दिखाया जाता है रामलीला कमेटी अपने सभी कार्यक्रम रंगमंच पर करने बाद राम-रावण युद्ध की वास्तविकता का दर्शन कराने के लिए ही इस कार्यक्रम को रोडी बेलवाला मैदान में आयोजित करती है। देवभूमि उत्तराखण्ड में गंगा तट पर आयोजित होने वाला यह एकमात्र ऐसा दशहरा है जिसमें असत्य, अत्याचार एवं अंहकार को विशालतम आकार देकर उसका दहन कर सम्पूर्ण भारतवर्ष में आसुरी प्रवृत्तियों

राम और रावण ने संयुक्त रुप से की रामेश्वरम् में ज्योतिर्लिंग की स्थापना

हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी ने 3 अक्टूबर से प्रारम्भ हुए रामलीला रुपी अनुष्ठान की अंतिम बेला में आज सेतुबन्ध रामेश्वरम् में ज्योतिर्लिंग की उस अद्भुत स्थापना का दृश्य प्रस्तुत किया जिसमें भगवान श्रीराम तथा रावण ने संयुक्त रुप से शिवोपासना कर धर्म एवं अध्यात्म के माध्यम से वैर भावना को भुलाने का संदेश दिया रामलीला का यह दृश्य चरित्र एवं मर्यादा की उस सीमा का पर्याय बन गया जब श्रीराम ने रावण को मुक्ति का वरदान दिया तो रावण ने राम को आसन्न युद्ध में विजयी होने का आशीर्वाद दिया। रावण विद्वान, बलशाली, अहंकारी के साथ कर्मवीर भी था जिसने अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए न किसी की राय मानी न ही अनुरोध। रावण दूरदृष्टा भी था इसीलिए उसने भाई विभीषण को लंका से निकाल दिया जो रामादल में सम्मिलित होकर लंका का राजा बना। रामलीला के बहुप्रतीक्षित अंगद-रावण संवाद की भी जमकर सराहना हुई। भगवान राम ने युद्ध के अंतिम क्षणों में भी शांतिदूत के रुप में अंगद को रावण के पास भेजा लेकिन रावण ने जानकी को देने के स्थान पर जान की बाजी देने का अपना निर्णय नहीं टाला और दोनों ओर से युद्ध की घोषणा हो गयी। श्रीरा

नवम्बर में कानपुर में होगा हरकोर्ट बटलर के पूर्व छात्रों का जमावड़ा

     उत्तरप्रदेश में स्थित उत्कृष्ठ तकनीकी संस्थानों में से एक हरकोर्ट बटलर तकनीकि विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व छात्रों का सम्मेलन २४ -२५ नवम्बर २०१८ को होने जा रहा है ।  देश विदेश में अपनी तकनीकि सेवाएं दे रहे हरकोर्ट बटलर तकनीकि विश्वविद्यालय कानपुर के पूर्व छात्रों के बड़ी संख्या में इस सम्मेलन में सम्मिलित होने की  संभावना है ।  इसी सिलसिले में जब इस समाचार पत्र "गंगा का सन्देश" के मुख्य संपादक श्री राम नरेश को यह ज्ञात हुआ कि हरिद्वार स्थित पूर्वी गंगा नहर के अधिशासी अभियंता श्री विजय वीर सिंह यादव ने भी उसी संस्थान से सिविल अभियांत्रिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की है तो  श्री राम नरेश ने  श्री विजय वीर सिंह यादव जी उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर हरकोर्ट बटलर तकनीकि विश्वविद्यालय कानपुर पर केंद्रित भेंट वार्ता की ।  अधिशासी अभियंता श्री विजय वीर सिंह यादव ने बताया कि सन १९२० में इस की स्थापना गवर्नमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट के रूप में हुई  जिसका सन १९२१ में नाम बदल कर गवर्नमेंट टेक्नीकल इंस्टिट्यूट रख दिया गया । बाद में वर्ष १९२६ को इसका नाम हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इं

जीवन की जीने की कला का दर्शन कराती है श्रीरामलीला कमेटी

हरिद्वार। श्रीरामलीला कमेटी रजि. ने आज हनुमान रावण संवाद एवं लंका दहन के साथ समाज की नीति, व्यवस्था एवं मर्यादाओं का मार्मिक दर्शन कराकर वर्तमान पीढ़ी को अतीत से गौरवान्वित किया। रंगमंच से राम एवं रावण दोनों की संयुक्त रुप से प्रस्तुत की गयी नीतियों को दर्शकों ने भावुकता के साथ आत्मसात किया तथा रामलीला जैसे आयोजनों का अधिक से अधिक संख्या में पहंुच कर दर्शन लाभ लिया। रामलीला को जीवन जीने की कला के रुप में प्रस्तुत करने वाली श्रीरामलीला कमेटी के अनुभवी पदाधिकारियों में कृष्णमूर्ति भट्ट, महाराजकृष्ण सेठ, भगवत शर्मा ‘मुन्ना’ के साथ ही रविकान्त अग्रवाल एवं सुनील भसीन ने रंगमंच पर दर्शाये गये दृश्यों की पुनरावृत्ति न कर समय की आवश्यकता के अनुरुप उनके समयानुकूल परिवर्तित स्वरुप की प्रस्तुति से रामलीला की ग्राह्ययता को और विश्वसनीयता प्रदान की। श्रीरामलीला कमेटी ने अपने रंगमंच से दर्शाया कि व्यक्ति को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, न ही संकट में घबराना चाहिए। माता सीता ने रावण की अशोक वाटिका में राक्षसी सुरक्षा में रहते हुए भी अपना धैर्य नहीं खोया और रावण को मुंहतोड़ जवाब देकर अपने पतिव्रत

सवा करोड़ गबन के आरोपी ने पत्नी के नाम से लिखायी कांग्रेस नेता के विरुद्ध रिपोर्ट

हरिद्वार। विद्युत स्वयं सहायता समूह समिति के सचिव सुनील कुमार ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराकर समिति के पूर्व सचिव सुधीर कुमार गोयल पुत्र सुमेरचंद गोयल निवासी 579, आवास विकास माडल कालोनी, रानीपुर मोड, ज्वालापुर के विरुद्ध कर्मचारियों के एक करोड़ बीस लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाया है जिसके विरोध में सुधीर कुमार गोयल ने अपनी पत्नी बबली गोयल के माध्यम से थाना कनखल में झूठी क्रास रिपोर्ट दर्ज करवाकर विद्युत कर्मचारियों के नेता अशोक टण्डन को बदनाम करने का प्रयास किया है। हाइड्रो इलैक्ट्रिक इम्पाइल यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक टण्डन तथा विद्युत स्वयं सहायता समूह समिति के वर्तमान सचिव सुनील कुमार ने बताया कि सुधीर गोयल ने जब से स्वयं सहायता समूह के रुप में कार्य करना प्रारम्भ किया तभी से वह कर्मचारियों को न तो निगम द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वेतन देता था न ही फण्ड तथा चिकित्सा इत्यादि की धनराशि ही जमा करता था जिसकी कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर जांच करायी गयी जिसमें सुधीर गोयल को दोषी पाते हुए उसे हटा दिया गया तथा उसके विरुद्ध गंभीर आरोपों में रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। सुध

श्रीराम हैं धर्मए चरित्र एवं मर्यादित आचरण की प्रतिमूर्ति : स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वती

हरिद्वार। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि विजयदशमी धर्म के संरक्षण का पर्व है जो अन्यायए अत्याचार एवं अहंकार पर न्यायए सदाचार एवं सामाजिक समरसता की विजय के रुप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। भगवान श्रीराम धर्मए चरित्र एवं मर्यादित आचरण की प्रतिमूर्ति हैं तथा नवरात्र व्रत साधना के माध्यम से समाज जब अध्यात्म एवं अर्न्तमन की शक्ति का सृजन करता है तो उसमें इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने की इच्छाशक्ति दृढ़ हो जाती है। भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष में मनाया जाने वाला विजयदशमी पर्व व्यक्ति को धर्म के सापेक्ष व्यवहार कर कर्म में पवित्रता लाने का संदेश देता है। जिस प्रकार मां आदिशक्ति देवी ने देवताओं के आवाहन पर राक्षसों का वध किया उसी प्रकार त्रेता युग के अवतारी भगवान राम ने ऋषि विश्वामित्र के साथ जाकर राक्षसों से ऋषियों के यज्ञ की रक्षा की। विजयदशमी पर्व की अलग.अलग क्षेत्रों में मनाये जाने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन क्षत्रिय तथा संतों के अखाड़ों मंे जहां शस्त्र पूजा होती है वहीं व्यापारी वर्ग अ