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Showing posts from June, 2019

लखनऊ स्थानातंरित होने पर वीवीएस यादव का किया गया भव्य स्वागत

हरिद्वार। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के पूर्वी गंग नहर निर्माण खण्ड.2 के अधिशासी अभियंता विजयवीर सिंह यादव का स्थानान्तरण आइएसओ लखनऊ में अधिशासी अभियंता के पद पर हो गया तथा उनके स्थान पर लखनऊ से आए अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था साहित्य संस्कृति एवं समाजसेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने विजयवीर सिंह यादव को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रशंसा.पत्र भेंट कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। मायापुर में आयोजित एक सादे समारोह में प्रशस्ति.पत्र देकर वीवीएस यादव को सम्मानित करते हुए संस्थाध्यक्ष रामनरेश यादव ने कहा कि एसडीओ हैडवर्क्स के रूप में उन्होंने मायापुर लिंक चैनल का निर्माण कर गंग नहर की क्षमता ढाई हजार क्यूसेक बढ़ायी तथा वर्ष 2013 में आयी ऐतिहासिक बाढ़ के प्रकोप से लालकोठी के निकट बन्धे की मरम्मत करवाकर भीमगोड़ा बैराज तथा हरकी पैड़ी एवं हरिद्वार की रक्षा की। पूर्वी गंगा नहर निर्माण खण्ड.2 में अधिशासी अभियंता के रूप में आपने रनिंग कैनाल में हेड से टेल तक जल की उपलब्धता बनायी तथा लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत सींच बनाकर अपने कार्यकाल को

उत्तराखण्ड में कृषि को प्रोत्साहन देगी प्रसपा (लोहिया) : आर.एन यादव

हरिद्वार। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश संयोजक रामनरेश यादव ने कहा है कि राज्य में कृषि एवं कृषकों के संवर्द्धन के लिए प्रसपा अभियान शुरु करेगी और कृषि को उद्योग का दर्जा दिलवाकर कृषकों को अपनी उपज का मूल्य स्वयं निर्धारित करने का अधिकार दिलायेगी। सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में कृषकों को जड़ी-बूटी एवं फलों के उत्पादन से जोड़कर स्वावलम्बी एवं समृद्धशाली बनायेगी।  प्रेस को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि अबतक सत्ता पर काबिज रही सरकारों ने किसानों को बेचारा और बेरोजगार बनाकर उनको कर्ज माफी तथा सस्ते राशन में भरमाकर भविष्य चौपट कर दिया जिसके दुष्परिणाम आने लगे हैं तथा समय रहते कृषि एवं कृषकों का संरक्षण नहीं किया गया तो राज्य बर्बादी के कगार पर पहुंच जायेगा। पर्वतीय क्षेत्र से कृषक पलायन कर गए हैं और मैदानी क्षेत्रों की कृषि भूमि उद्योगों एवं कालोनाइजरों ने खरीद कर कृषि एवं कृषक दोनों को समाप्तप्रायः कर दिया है। उत्तराखण्ड राज्य की सम्पन्नता एवं खुशहाली की योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भारत की निर्धनता एवं पिछड़ेपन का कारण ही गांवों का विकास न होना है क्यो

कुम्भ एवं कांवड़ मेलों के लिए हरिद्वार में स्थायी व्यवस्था जरुरी

देवभूमि उत्तराखण्ड सनातन धर्म, संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां कुम्भ एवं अर्द्धकुम्भ के अतिरिक्त प्रतिवर्ष महाकुम्भ के बराबर ही कांवड़ मेला, सोमवती अमावस्या, कार्तिक पूर्णिमा एवं गंगा दशहरा जैसे विशाल धार्मिक पर्वों पर लाखों की संख्या मंे श्रद्धालु आते हैं। हरिद्वार को उत्तराखण्ड का प्रवेश द्वार के रुप में जाना जाता है, अतः श्रद्धालुओं के साथ ही पर्यटकों का आवागमन भी हरिद्वार के रास्ते ही होता है। नया राज्य बनने के बाद दो अर्द्धकुम्भ एवं एक कुम्भ पर्व का आयोजन किया जा चुका है तथा राज्य के अपने आयोजन में होने वाले 2021 के कुम्भ पर्व की तैयारियों की अभी तक शुरुआत न होना सरकार और सरकारी तंत्र की धर्म, आस्था और अपने कर्तव्य के प्रति बड़ी उदासीनता का परिचायक है। अब तक सम्पन्न हुए तीन बड़े मेलों में दोनों अर्द्धकुम्भों का आयोजन कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ जबकि 2010 तथा 2021 के दोनांे कुम्भ पर्वों के आयोजन का श्रेय भाजपा सरकार को जायेगा। चूंकि हरिद्वार में कांवड़ मेला सहित प्रतिवर्ष अनेकों लक्खी मेलों का आयोजन होता है इसके अतिरिक्त भी मई-जून के माह में यात्रा स

क्षेत्रीय दल के सत्ता में आने से ही होगा उत्तराखण्ड राज्य का विकास

हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड का अपना विशिष्ट स्थान है चाहे वह पर्यटन की दृष्टि से हो या तीर्थाटन के रुप में। प्राकृतिक सौन्दर्य एवं मानव जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति में प्रथम पायदान पर रहने वाला राज्य अपना अलग अस्तित्व पाने के बाद भी आशातीत परिणाम नहीं प्राप्त कर पाया है। स्वार्थ और महत्वाकांक्षा प्रत्येक व्यक्ति की चाहत होती है उन्नति करना उसका उद्देश्य होता है और सुविधायें प्राप्त करना उसका अधिकार। इन सबकी सफलता के लिए जो एक मूल मंत्र है वह है व्यक्ति का कर्तव्य और जब कोई व्यक्ति अपने कर्तव्य के प्रति सत्यनिष्ठा के साथ कार्य करता है तो उसे अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार के संघर्ष की आवश्यकता नहीं होती है। उत्तराखण्ड राज्य के नेता हों या ब्यूरोक्रेट्स स्वार्थ में सर्वोपरि लेकिन कर्तव्य में फिसड्डी प्रतीत हो रहे हैं। अपने लिए सुविधायें प्राप्त करने का मामला हो तो दोनों राष्ट्रीय दलों के नेता एक राय हो जाते हैं और ब्यूरोक्रेट्स काम छोड़कर हड़ताल का बिगुल फूंक देते हैं क्या कभी किसी ने सोचा कि हमारा राज्य जिस दिन अपने नये गठन के मानकों और बिन्दुओं को पूर्ण कर लेगा

उत्तराखण्ड प्रसपा के प्रदेश संयोजक बने रामनरेश यादव

हरिद्वार। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने हरिद्वार निवासी समाजवादी विचारक रामनरेश यादव को प्रसपा उत्तराखण्ड का प्रदेश संयोजक नामित किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव द्वारा जारी कार्यालय एम्प के माध्यम से यह मनोनयन उनके अनुभव, परिश्रम एवं सक्रियता के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य में प्रसपा (लोहिया) को गतिशीलता एवं मजबूती प्रदान करने के लिए किया गया है।  प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) में उत्तराखण्ड राज्य के प्रदेश संयोजक का दायित्व स्वीकारते हुए रामनरेश यादव ने बताया कि उत्तराखण्ड भारत का सिरमौर और देश का सर्वोत्तम प्रदेश है परन्तु अपने गठन के दो दशक की पूर्णता प्राप्त करने की ओर अग्रसर इस राज्य का अपने अलग अस्तित्व में आने का सपना साकार नहीं हुआ, इसका मुख्य कारण राज्य में किसी क्षेत्रीय दल का न होना ही रहा है। किसी राज्य, देश या समाज को प्रगति के लिए आपसी सामंजस्य, समरसता तथा कर्तव्य के प्रति निष्ठा की आवश्यकता होती है लेकिन इस राज्य में कार्यपालिका एवं विधायिका दोनों ने ही मिलकर स्वार्थ के लिए कार्य किया और नए राज्य के म

वृक्षारोपण आज देश और समाज की बहुत बड़ी आवश्यकता : रामनरेश यादव

हरिद्वार। स्वयंसेवी संगठन साहित्य संस्कृति एवं समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष रामनरेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छः सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित कर बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिये तत्काल उपाय करने की मांग की है। पत्र की प्रतियां उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्रियों को भी प्रेषित की गई हैं। ज्ञापन में रामनरेश यादव ने कहा है कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा तथा समाज का वातावरण बिगड़ रहा है। जमीन का जल स्तर तेजी से गिर रहा है तथा बढ़ती गर्मी के कारण डेंगू जैसी घातक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने से मानवता को खतरा उत्पन्न हो रहा है। मनुष्य की बढती विलासिता तथा अप्राकृतिक जीवन को ही विश्व के बढ़ते तापमान के लिये दोषी बताते हुए उन्होंने कहा कि चार पहिया वाहनों की बाजार में आयी बाढ़ और अधिकांश लग्जरी वाहनों में डीजल के प्रयोग ने वातावरण को और गर्म कर दिया है वाहन तथा घरों में लगे ऐसी ग्लोबल वार्मिंग को तेजी से बढ़ा रहे हैं इन सब पर तत्काल रोक लगनी चाहिये। वाहन तथा घरों में लगे ए.सी. जो मात्र एक कमरे को ठंडा करते है लेकिन सौ कार एवं कमरों के बराबर वातावरण को 50

मीडिया है लोकतांत्रिक व्यवस्था का मार्गदर्शक : विश्वजीत सिंह नेगी

हरिद्वार। अपने श्रम एवं संसाधनों से संकलित एवं सृजित समाचार समाज को समर्पित करने वाला पत्रकार संगठन श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश महामंत्री विश्वजीत सिंह नेगी ने आज हरिद्वार इकाई के चुनाव सम्पन्न करवा कर पत्रकार एकता एवं संगठन की शक्ति को और मजबूत करने का मूल मंत्र दिया। जनपद इकाई की सम्पन्न हुई आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से रामेश्वर दयाल शर्मा को अध्यक्ष तथा डा. विशाल गर्ग को महामंत्री का दायित्व सौंपा गया जबकि कोषाध्यक्ष के रुप में ज्ञान प्रकाश पाण्डेय पूर्व की भांति ही अपने दायित्व का निर्वाह करते रहेंगे। नव निर्वाचित पदाधिकारी 15 दिन के अन्दर अपनी कार्यकारिणी का गठन कर संगठन एवं समाजहित के कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार करेंगे। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की आम सभा को मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित करते हुए राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार तथा संगठन के प्रदेश महामंत्री विश्वजीत सिंह नेगी ने कहा कि पत्रकारिता देश और समाज की वह शक्ति है जो कार्यपालिका एवं विधायिका को राष्ट्र एवं समाजहित में कार्य करने की प्रेरणा देती है। प्रचार माध्यम ही प्रगति और उन्नति के पर्याय हैं और किसी भी प्रदेश को

काल एवं परिस्थिति के अनुसार प्रत्येक युग में व्यवस्था बनाते हैं भगवान : स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वती

हरिद्वार। गीता ज्ञान के मनीषी महामण्डलेश्वर स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वतीजी महाराज ने कहा है कि सृष्टि का चक्र और भगवान का स्वभाव युग, समय और परिस्थिति के अनुरुप बदलता है, प्रत्येक युग में भगवान की लीलाओं का स्वरुप बदल जाता है। कलियुग में अर्थ की प्रधानता रहती है जबकि सतयुग में धर्म का पक्ष मजबूत हो जाता है, वे आज दक्षनगरी के विष्णु गार्डन स्थित श्रीगीता विज्ञान आश्रम में धर्मनगरी में अध्यात्म दर्शन हेतु पधारे श्रद्धालुओं को गीता के उपदेशों का सार समझा रहे थे। गीता को भगवान श्रीकृष्ण की वाणी बताते हुए उन्होंने कहा कि गीता भारत ही नहीं विश्व का सार्वभौमिक ग्रंथ है जिसमें जाति और धर्म से ऊपर उठकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याण की बात कही गई है। देश एवं काल के अनुरुप बनायी जाने वाली सामाजिक व्यवस्था की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि त्रेता एवं द्वापर युग में तो भगवान श्रीहरि ने स्वयं मानवरुप में अवतार लेकर सृष्टि का कल्याण किया लेकिन कलियुग में वे स्वयं न आकर अपने प्रतिनिधि के रुप में समाज एवं देश की आवश्यकता के अनुरुप कार्य करने के लिए राजनेताओं का चयन करवाते हैं क्योंकि प्राचीनकाल म

बच्चों का खेल नहीं है राजनीति, न ही विरासत की सम्पत्ति

हरिद्वार। राजनीति देश और प्रदेश पर शासन करने की नीति का नाम होता है यह न तो विरासत की सम्पत्ति हैं और न ही बच्चों का खेल जो कोई भी बाप अपने बच्चे को खिलौना समझ कर थमा दे और बच्चा उससे खेलने लगे। राजनीति जमीन से जुड़कर समाज से समन्वय बनाने वाले राजनेता को सम्मान देती है और वही सफल राजनेता बनता है। यदि पैत्रिक सम्पत्ति के समान ही राजनीति भी हस्तांतरित हो जाती तो राहुल-प्रियंका से बड़ा राजनैतिक परिवार किसी का नहीं है। राजनीति यदि बच्चों का खेल होता तो लालू प्रसाद यादव के लड़के, पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह का बेटा-पोता, माधवराव सिंधिया के उत्तराधिकारी ज्योतिरादिव्य सिंधिया, कल्याण सिंह के पुत्र, अमित शाह के पुत्र, चन्द्रशेखर के पुत्र एन.टी. रामाराव के उत्तराधिकारी, हरीश रावत, विजय बहुगुणा और इन्दिरा हृदयेश के पुत्र, पं. गोविन्द बल्लभ पंत के उत्तराधिकारी, लाल बहादुर शास्त्री का परिवार सहित छोटे बड़े दर्जनों ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने अपनी दूसरी पीढ़ी को राजनैतिक विरासत सौंपी लेकिन वे सफल राजनेता नहीं बन पाये तो नेताजी का छोरा भी यदि असफल हो गया तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है। हमारे देश ही नहीं

फिर टूटा सपा-बसपा का गठबंधन

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पारिवारिक अर्न्तकलह को धिक्कारते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा से अपना नाता तोड़ लिया है। इसी वर्ष 12 जनवरी से 4 जून लगभग साढ़े चार माह तक चले गठबंधन से बसपा लोकसभा में शून्य से दस सीटों तक पहुंची जबकि सपा सात से पांच पर सिकुड़ गई। इससे पूर्व 1993 में काशीराम एवं मुलायम सिंह यादव ने गठबंधन किया था जिससे भाजपा का राममंदिर मुद्दा भी फ्लाप हो गया था लेकिन हमारे देश में एक ऐसा समाज सक्रिय है जो दलित-पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों को एकजुट देखना नहीं चाहता वह गठबंधन भी 1995 में जून महीने की दो तारीख को ही टूटा था और इस बार भी गठबंधन तोड़ने जैसा संकेत मायावती ने दो जून को ही दे दिया था। उस समय सपा संगठित थी तो उसका कुछ नहीं बिगड़ा और लगातार बढ़त की ओर अग्रसर रही लेकिन इस बार पारिवारिक कलह से जूझ रही सपा अपने परिवार को भी नहीं बचा पायी और परिवार की कन्नौज, बदायूं तथा फिरोजाबाद की तीनों सीटों से हाथ धोना पड़ा, इसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव की हठधर्मी और राजनैतिक अपरिपक्वता ही कहा जायेगा। किसी भी बाप की विरासत उसके पुत्र को प्राप्त होती है, चूं

फिर शुरु हो गयी नयी सरकार की जनता को हरा-हरा दिखाने की नीतियां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरी बार देश की बागडोर संभालते ही देश की जनता का स्वाभिमान और स्वतंत्रता समाप्त करने के उद्देश्य सम्मान निधि के नाम से खैरात बांटने का प्रचार प्रारम्भ कर दिया है। पूरा विश्व जानता है कि भारत में साठ प्रतिशत आबादी आज भी शुद्ध रुप से गांव में रहती है जो 130 करोड़ की जनसंख्या के अनुपात में किसानों की संख्या लगभग अस्सी करोड़ बैठती है जिसमें 40 से 50 करोड़ व्यक्ति खेती किसानी से जुड़े हैं। केन्द्र सरकार ने 14.5 करोड़ किसानों को सम्मिलित करते हुए 75 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की बात कहते हुए दावा किया है कि अब सभी किसान इसके दायरे में हांेगे यह देखने में ही मिथक प्रतीत हो रहा है। अब तक गठित हुई केन्द्र तथा राज्यों की सरकारों ने किसानों को इसी प्रकार ठगा है। हमारे देश के नेता चुनाव जीतने के बाद सर्वाधिक कमजोर एवं कम अक्ल किसान को ही समझते हैं। कोई किसान का कर्ज माफ करता है तो कोई 72000 रुपये देने की घोषणा करता है जबकि वास्तविकता यह कि किसान को उसकी उपज का पूरा धन न देकर केवल लागत के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देते हैं उसमें भी 15 से 20 प्रतिशत बिचौलिये खा जाते हैं।