हरिद्वार | भारत देश किसी दल या व्यक्ति विशेष की बपौती नहीं है , न तो राम किसी दल के आराध्य हैं न ही कोई धर्म स्थल । भारत का सँविधान धर्मनिरपेक्ष बनने का सन्देश देता है लेकिन जो लोग धर्म और राम के नाम पर राजनीति करते हैं धर्म उनको कभी माफ नहीं करेगा और जो हस्र धर्म की राजनीति करने वालो का हो चुका है वही हस्र इन नेताओं का होगा । यदि कोई संत धर्म और धर्मस्थल को छोड़ कर राजनीति में प्रवेश कर जाए और धार्मिक पर्व को राजनैतिक पर्व में बदलकर बहा कैविनेट की बैठक आयोजित कर दे इससे बड़ा देश की जनता का दुर्भाग्य और क्या होगा । जिस कुम्भ पर्व का आयोजन धर्म की आस्था के नाम पर होता है वहाँ यदि राजनीति शुरू हो जाये तो उस धर्म पर धर्मावलंवियो की आस्था कब तक रहेगी । उत्तर प्रदेश भारत की राजनीति का स्तम्भ है और यूपी में सपा बसपा का गठबंधन होने और कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने के बाद भाजपा के पैरों तले की ज