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Showing posts from November, 2018

उत्तराखण्ड से कृषि और कृषकों को समाप्त करने की दोषी कांग्रेस-भाजपा : कुलदीप सिंह रावत

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड की सरकारांे ने कृषि एवं कृषकों को समाप्त कर पहाड़ों को बर्बाद कर दिया है। पहाड़ों पर हल न चलने से कृषि क्षेत्र बंजर हो गए हैं, बरसात का पानी न रुकने से पहाड़ के जल स्रोत सूख गए हैं और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है जिससे सम्पूर्ण राज्य का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि कृषि को प्रोत्साहन देकर पहाड़ों को बर्बाद होने से बचायें। प्रदेश प्रवक्ता रामनरेश यादव के माध्यम से प्रेस को जारी एक बयान में कुलदीप सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ों पर सीढ़ीनुमा खेतों में जब हल चलते थे तो बरसात का पानी सोखते थे जिससे फसलों की पैदावार से किसान खुशहाल और वनस्पति हरी भरी रहती थी। राज्य सरकार ने दो-तीन रुपये किलो गेंहू-चावल देकर किसानों को अपना मोहताज बना लिया है। किसानों के खेतों में पैदा होने वाले गेंहू-चावल की लागत बीस रुपये प्रति किलो से अधिक आती है लेकिन सरकार द्वारा दो-तीन रुपये किलो गेंहू-चावल देने से किसानों ने खेती करनी छोड़ दी परन्तु सरकार इतना राशन नहीं देती कि किसान महीने भर खा सकें पर

समाजवादी पार्टी 2019 में करेगी हरिद्वार का प्रतिनिधित्व : साजिद अंसारी

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष साजिद अंसारी ने कहा है कि हरिद्वार की गंगा जमुनी तहजीब समाजवाद की पोषक रही है और हरकी पैड़ी तथा कलियर शरीफ से जो संदेश भारत वर्ष को मिलता है आवाम उस पर अमल करता है। नया राज्य बनने के बाद भी हरिद्वार की जनता ने पहला सांसद समाजवादी पार्टी को दिया है लेकिन सूबे की सियासत पर हावी हुई लूट-खसोट और भ्रष्टाचार करने वालों की सरकारों ने नया राज्य बनने का मकसद ही खत्म कर दिया, वे आज पुल जटवाड़ा स्थित जिला कार्यालय पर सपा कार्यकर्त्ताओं को दोबारा जनता से जुड़ने का आवाह्न कर रहे थे। समाजवादी पार्टी को हरिद्वार की जनता का सबसे बड़ा हितैषी बताते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हरिद्वार को स्थानीय सांसद देने का काम किया जबकि अन्य दलों ने हरिद्वार सांसद के रुप में पैरासूट प्रत्याशी उतार कर हरिद्वार की जनता का अपमान किया है। हरिद्वार के सपा सांसद के कार्यकाल की उपलब्धियां बताते हुए उन्हांेने कहा कि पूरे जनपद को औद्योगिक विकास से जोड़ने का काम समाजवादी पार्टी के सांसद ने कराया था लेकिन जब से कांग्रेस-भाजपा के पैरासूट सांसदों का हरिद्वार में पर्दापण हुआ हरिद्व

उत्तराखण्ड में डबल इंजन वाली सरकार के दोनों इंजन फेल

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामनरेश यादव ने कहा है कि उत्तराखण्ड की डलब इंजन वाली सरकार के दोनों इंजन फेल हो गए हैं और राज्य कर्जे के बोझ से कंगाली के कगार पर है। भाजपा विकास कार्यों को छोड़कर व्यर्थ के मुद्दों में जनता का ध्यान भटकता रही हैं। इस नए राज्य का सृजन सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ था लेकिन यहां के राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स मैदानी क्षेत्रों के वातानुकूलित भवनों से सत्ता सुख का आनन्द ले रहे हैं और पहाड़ की जनता पलायन कर घरों से बेघर होने पर मजबूर हैं। प्रेस को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि यहां की सत्ता पर बारी-बारी से काबिज रहे नेता अवैध खनन और शराब के कारोबार से मालामाल हो रहे हैं तो ब्यूरोक्रेट्स राजस्व को चपत लगाकर आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए है इसीलिए किसी भी सरकारी भ्रष्टाचार की जांच नहीं होती क्योंकि राजनेता और ब्यूरोक्रेसी दोनों में बंदरबांट हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 74 का घोटाला इसका जीता जागता प्रमाण है जिसमें भ्रष्टाचार के बंदरबांट का भण्डाफोड़ हुआ है। राज्य की माली हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए सपा नेता ने कहा कि राज्य

निकाय चुनावों ने किया उत्तराखण्ड में अहंकार का पतन

      उत्तराखण्ड राज्य में सम्पन्न हुए चौथे स्थानीय निकाय चुनाव के परिणामों ने राज्य की सत्ता पर 18 वर्ष तक काबिज रही भाजपा-कांग्रेस को आयना दिखाने का काम किया है लेकिन इस राज्य का दुर्भाग्य है कि दो दशक पूर्णता की ओर हैं लेकिन किसी तीसरे क्षेत्रीय दल का उदय नहीं हो पाया जो राज्य की दुर्दशा का कारण बना हुआ है। हमारे देश का इतिहास बताता है कि किसी भी राज्य का विकास तब तक नहीं हुआ जब तक वहां किसी क्षेत्रीय दल की सरकार नहीं बनी क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की राजसत्ता का संचालन दिल्ली में बैठी उनकी आला कमान के आदेशानुसार होता है। दोनों ही दलों में नेताओं का इतना बड़ा दलदल है कि जब एक नेता कुर्सी पर बैठता है तो उसी दल का दूसरा नेता दिल्ली जाकर उसकी कुर्सी का पाया हिलाकर उसको हटवा देता है और मुगलकालीन संस्कृति के अनुरुप स्वयं कब्जा कर लेता है। कांग्रेस की सत्ता के दौरान उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ था जैसा उत्तराखण्ड में अब हो रहा है। जिस प्रदेश में सरकार और उसके मुखिया का ही कोई भविष्य या स्थायित्व नहीं रहा तो उस राज्य के विकास की कामना ही नहीं करनी चाहिए। जिस प्रकार उत्तर प्रद

राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करे राज्य सरकार: कुलदीप सिंह रावत

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत ने मांग की है कि उत्तराखण्ड सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करे और 31 मार्च 18 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के जो कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुए है उन पर सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे। शासन स्तर से जिला योजना की जो धनराशि अब तक अब मुक्त नहीं है उससे होने वाले राज्य के नुकसान को सरकार कैसे पूर्ण करेगी इसका स्पष्टीकरण जनता के सामने प्रस्तुत करे। प्रेस को जारी एक बयान में सपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार का ब्यूरोक्रेसी से नियंत्रण समाप्त हो गया है और मुख्यमंत्री की अकुशलता के कारण सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं जिसका खामियाजा राज्य की जनता को उठाना पड़ रहा है। 18 साल बीतने के बाद भी राज्य की हो रही दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कुलदीप सिंह रावत ने कहा कि राज्य की सत्ता पर काबिज रही दोनों पार्टियों की कमान दिल्ली के हाथों में होने के कारण यहां के राजनेताओं एवं ब्यूरोक्रेसी ने राज्यहित की न सोचकर केवल अपना-अपना विकास किया है तथा आने वाली किसी भी सरकार ने अपनी पिछली सरकार

रामनरेश यादव ने संभाली उत्तराखण्ड में प्रदेश प्रवक्ता की कमान

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की संस्तुति के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत ने हरिद्वार निवासी रामनरेश यादव को समाजवादी पार्टी उत्तराखण्ड का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है। कुलदीप रावत ने आशा व्यक्त की है कि रामनरेश यादव अपनी योग्यता, अनुभवों एवं समाजवादी पार्टी की नीतियों के आधार पर राज्य में सपा को मजबूती प्रदान करेंगे और समाजवादी पार्टी राज्य की सत्ता पर अब तक काबिज रहे राजनैतिक दलों के विकल्प के रुप में उभर कर जनता का विश्वास अर्जित करेगी। इस अवसर पर शैफ अली सलमानी को भी समाजवादी पार्टी युवजन सभा का ज्वालापुर नगर का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा के हरिद्वार संगठन प्रभारी फैसल सलमानी ने बताया कि उत्तराखण्ड की जनता अब कांग्रेस और भाजपा दोनों से नाराज है इस बात का जायजा उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव में लिया तो ज्ञात हुआ कि जहां-जहां भाजपा हारी है वहां विकल्प के अभाव में मजबूरन जनता को कांग्रेस के समर्थन में मतदान करना पड़ा। उन्होंने 18 साल से हो रही राज्य की दुर्गति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कि

लोककल्याण के लिए अशोक शर्मा ने किया मां भगवती का जागरण

हरिद्वार।  शिवसेना के पूर्व जिला प्रमुख अशोक शर्मा ने आज आर्यनगर स्थित अपने आवास तथा स्वागत पैलेस में लोककल्याण एवं धर्मनगरी के उत्थान के लिए मां भगवती का भव्य जागरण कर दैवीय शक्तियों के जागरण को सार्थकता प्रदान की। उन्हांेने देवोत्थान एकादशी एवं कार्तिक पूर्णिमा के मध्यमकाल को तप साधना एवं अनुष्ठान के लिए उत्तम बताते हुए मां भगवती की पावन ज्योति से क्षेत्रीय जनता के मन मंदिरों को पावन कर मां के प्रसाद से अंतःकरण की शुद्धि करायी। रात्रि पर्यन्त चले मां के जागरण को तप साधना का सूक्ष्म आयाम बताते हुए उन्होंने कहा कि निरन्तर तथा एकाग्र भक्तिभावना ही व्यक्ति के अन्दर से अंहकार एवं अज्ञान रुपी अंधकार को मिटाकर समाज के साथ समभाव बनाने का संदेश देता है। मां भगवती आदिशक्ति को सर्वशक्तिमान बताते हुए उन्होंने कहा कि आदिकाल से हमारे देवताओं ने भी राक्षसांे का वध करने के लिए मां शक्ति की आराधना की थी। शेर की सवारी को उनके शक्ति पुंज का प्रमाण बताते हुए कहा कि जब सामूहिक रुप से किसी शक्ति का आवाहन किया जाता है तो निश्चित ही उस शक्ति का सानिध्य समाज को प्राप्त होता है इसीलिए सनातन धर्म में 33 प्रक

हरिद्वार की जनता ने बचायी धर्मनगरी की अस्मिता

      हरिद्वार। एक माह से चल रही स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया का आज चुनाव परिणामों की घोषणा के साथ समापन भले ही हो गया हो लेकिन इन चुनाव परिणामों ने भविष्य की जो पटकथा लिखी है उससे स्पष्ट हो गया है कि जब किसी व्यक्ति के अत्याचार चरम पर पहुंच जाते हैं तभी उसका पतन होता है। राजा हो या राजनेता जनता जब उसको सम्मान देकर सिंहासन पर बैठाती है तो उसकी हठधर्मी और तानाशाही देखकर उसे सत्ता से बेदखल भी कर देती है। अतीत गवाह है कि इस देश की जनता ने गुलाम रहते हुए भी अत्याचार नहीं सहे, फिलहाल जिस नेता को अपने विधानसभा में विजयी रहने का अभिमान हो गया था उसका घमंड चूर-चूर हो गया और इस चुनाव ने ऐसी इबारत लिख दी है कि इस धर्मनगरी में अब न तो उस घमंडी का सिर कभी ऊंचा होगा और न ही उसकी पार्टी का जिसने सत्ता में आने के बाद जनता के ऊपर अत्याचारों के अलावा राहत देने का कोई काम किया ही नहीं। इस चुनाव में वही बदलाव की बयार में इतना वेग है कि यह बयार आगे लोकसभा के चुनावों से होती हुई विधानसभा चुनावों तक यथावत रहेगी। इस चुनाव ने जिस पार्टी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है वह उस पार्टी की जीत नहीं बल्कि सत्त

सामाजिक एकता में सबसे बड़ा बाधक है जातिवाद का जहर

हरिद्वार। किसी प्रकार का वाद चाहे वह जातिवाद हो या क्षेत्रवाद, धर्मवाद हो नक्सलवाद अथवा आतंकवाद हो, वाद-विवाद सभी व्यक्ति और समाज की बर्बादी तथा सामजिक एकता में बाधक हैं लेकिन विडम्बना यह है कि इन सभी वादों के जनक भी हम ही हैं। एक धर्म दूसरे धर्म की आलोचना करता है एक पार्टी दूसरी पार्टी की आलोचना करती है तो एक जाति दूसरी जाति की आलोचना करती है। यह सभी आलोचनायें पीठ पीछे की बातंे हैं आमने-सामने कोई किसी की आलोचना नहीं करता और जो आमने-सामने आलोचना होती है उसे ही वाद-विवाद कहते हैं, जिसमें लड़ाई होने की सभी संभावनायें प्रबल हो जाती हैं। आज का इंसान धर्म और इंसानियत के मार्ग से भटक गया है न कोई धर्म बुरा है न ही कोई जाति सामने कोई किसी को बुरा नहीं कहता जबकि पीछे कोई किसी की प्रशंसा नहीं करता और जो शब्द प्रयोग करता वे निहायत भद्दे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म की प्रशंसा एवं प्रचार करने का अधिकार है। धर्म सभी अच्छे होते हैं उनके मानने के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मंजिल सभी की एक है, उद्देश्य सभी के उत्तम हैं। वर्तमान समाज को हम सबने मिलकर विसंगति प्रधान बनाया है तो इन विसंगत

नवमी तिथि होती है पूर्णता की द्योतक : स्वामी विज्ञानानन्द

हरिद्वार। महामण्डलेश्वर स्वामी विज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि नवमी तिथि पूर्णता की द्योतक होती है और नौ की संख्या भी पूर्णांक होती है इस तिथि को जो व्यक्ति अन्तर्रात्मा की आवाज पर किसी भी प्रकार का इच्छित कार्य करता है उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त होती है वे आज दक्षनगरी के विष्णु गार्डन स्थित श्री गीता विज्ञान आश्रम में अक्षय नवमी के उपलक्ष में आयोजित श्री विष्णु महायज्ञ के अवसर पर पधारे श्रद्धालुओं को श्रीहरि एवं मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के विधान की जानकारी दे रहे थे। भगवान श्रीहरिविष्णु को जग का पालनहार बताते हुए कहा कि सम्पूर्ण सृष्टि के सृजनकाल से ही उसके पालन पोषण का दायित्व भगवान स्वयं संभालते हैं और जो भक्त किसी यज्ञ या अनुष्ठान के माध्यम से भगवान विष्णु का आवाह्न करता है तो माता लक्ष्मी भगवान श्रीहरि के साथ उस भक्त के घर में वास करती हैं। तन तथा मन की शुद्धता को भगवान की स्तुति का उत्तम माध्यम बताते हुए उन्हांेने कहा कि मां गंगा सृष्टि की प्रत्यक्ष देवी तथा भगवान सूर्य सृष्टि के प्रकट देवता हैं और सूर्य की ऊर्जा से ही सम्पूर्ण भूमण्डल को शक्ति प्राप्त होती ह

सत्ता प्राप्ति हेतु सम्पत्ति और शराब का सहारा

हरिद्वार। सत्ता प्राप्त करना अब सस्ता काम नहीं रह गया है सत्ता चाहे केन्द्र की हो राज्य हो या स्थानीय निकाय की पैसे का खेल हो गया है और सत्ता प्राप्ति के लिए शराब का चलन सबसे बड़ा कलंक है। उत्तराखण्ड में सम्पन्न होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव अब अन्तिम चरण में हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिस हरिद्वार को मांस-मदिरा के लिए प्रतिबंधित किया गया है और जिस नगरपालिका ने यह बायलाज बनाया है उसी को संचालित करने के लिए चयनित होने के बदले मां गंगा की धारा के समान्तर शराब की नदियां बहा रहे हैं। नेता शराब पिला रहे, जनता शराब पी रही और पुलिस तथा प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं तो लोकतंत्र का चौथा खम्भा भी खम्बा लेकर आंखें बन्द किए हुए है। हरिद्वार के राजनेताओं ने नैतिक पतन की पराकाष्ठा को पार कर दिया है। धर्मस्थल से धर्म और संस्कृति को समाप्त कर अवैध शराब का कारोबार कराया जा रहा है जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। हमारे राज्य के नगर विकास मंत्री भी इसी धर्मनगरी के निवासी हैं और हरिद्वार में नगर निगम का बोर्ड भी उन्हीं के नेतृत्व में उन्हीं की पार्टी का गठित हुआ था, उस नगरनिगम बोर्ड के कार्यका

सूदखोर और जरायम पेशे से जुड़े व्यक्तियों को नकार दे हरिद्वार की जनता

हरिद्वार। अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामनरेश यादव ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव जनता की अपनी छोटी सरकार होती है जिसके प्रतिनिधि का चयन किसी दल विशेष की बाध्यता से अलग हटकर प्रतिनिधि की योग्यता एवं सामाजिकता के आधार पर होना चाहिए। नगरपालिका या नगर निगम स्वतंत्र संस्था होती है जो बड़ी सरकारों की भांति अपने संसाधनों का सृजन भी स्वयं करती है। स्थानीय निकाय चुनाव ही वास्तव में जनता को अपनी पसंद का प्रतिनिधि चयन करने का अधिकार देते हैं लेकिन विसंगति यह है कि कुछ असामाजिक तत्व या गलत ढंग से धन अर्जित करने वाले स्वार्थी तत्व अपने धन की चमक दिखाकर कभी-कभी जनता को गुमराह कर देते हैं। जनता से निवेदन है कि मतदान से पूर्व किसी भी प्रत्याशी का उपहार, धन या दारु लेकर उपकृत न हों और अन्तर्रात्मा की आवाज पर योग्य शिक्षित एवं सामाजिक व्यक्ति का ही चयन करें। हरिद्वार नगर निगम में साठ वार्ड हैं और प्रत्येक वार्ड में कांग्रेस तथा भाजपा की सीधी टक्कर मानी जा रही है लेकिन ऐसा नहीं है उत्तराखण्ड में बड़े पद के लिए तो कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर हो सकती है लेकिन पार्षद या सभास

सफेद हाथियों को झेलने के लिए असमंजस में फंसी हरिद्वार की जनता

हरिद्वार। स्थानीय निकाय चुनाव में हरिद्वार की जनता के सामने बहुत बड़ी असमंजस की स्थिति है। एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ कुंआ है, जनता के लिए दोनों ही खतरनाक हैं खाई भी कुंआ भी इस जनता का दुर्भाग्य देखंे कि इसको गिरना भी इन्हीं दोनों में से एक में है क्योंकि तीसरा विकल्प ही नहीं है। यह स्थिति हरिद्वार ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की है इसीलिए ये राजनेता रुपी सफेद हाथी बारी-बारी से जनता को बना रहे हैं। जनता अब तक बनी है और आगे भी बनती रहेगी, नेता और अधिकारी क्या थे क्या बन गए, सरकारी नौकरी वाले चपरासी से प्रशासनिक अधिकारी बन गए, पुलिस में दरोगा से सीओ और एस.पी. बन गए। नेताओं में जो वार्ड मेम्बर और ग्राम प्रधान बनने की हैसियत नहीं रखते थे वे विधायक बन गए जिनकी मंत्री बनने की हैसियत नहीं थी न कभी बने वे मुख्यमंत्री बन गए लेकिन जनता कहां है? राज्य कहां है? विकास कहां है? हरिद्वार का धार्मिक महत्व कहां चला गया क्यों बिक रही गली-गली में शराब, क्यों शराब के ठेके आ गए नगर निगम की सीमा में, कहां गया वह म्यूनिसिपल बायलाज, कहां चली गयी कुम्भ भूमि और किसने कराये सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और किसने उजाड़ा दुक

देश और समाज की उन्नति हेतु गद्दारों को सत्ता से दूर करे जनता

हरिद्वार। देश की जनता ने यदि अच्छे दिन देख लिए हों तो अब अपनी पुरानी स्थिति में वापस आ जाये या फिर देश को गुलाम ही बनाना है तो 2014 एक बार फिर दोहरा दो, सबके खातों में 15-15 लाख रुपये आ जायंेेगे, किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी, बेरोजगारों को रोजगार मिल जायेंगे, कालाधन भी वापस आ जायेगा यदि किसी ने हमारा एक भी सैनिक मार दिया तो एक के बदले 10 सिर काट कर लाये जायेंगे, राम मंदिर बन जायेगा और कश्मीर से धारा 370 भी समाप्त हो जायेगी अन्यथा चौकीदार विदेशों की सैर करता रहेगा चुपचाप पाकिस्तान में जाकर बिरयानी खायेगा और बड़े-बड़े कर्जदार भारत से करोड़ों रुपये लेकर विदेश भाग जायंेगे। नोटबंदी से पूरी अर्थव्यवस्था चौकीदार की मुट्ठी में होगी और जीएसटी के माध्यम से कमाने खाने वालों को कंगाली की ओर मोड़ दिया जायेगा। इसके अलावा गुलामी के और कौन-कौन से संकेत हैं कुछ दिमाग पर भी जोर देकर देखना चाहिए, बहुत हो गयी अंध भक्ति यदि साढ़े चार साल में भूत नहीं उतरा तो यह जिन्न बनकर बार-बार प्रकट होता रहेगा। हमारे प्यारे शिक्षित देशवासियों आज हम इस स्थिति में हैं कि किसी माध्यम के मोहताज न होकर हम स्वयं माध्यम हैं आप

अपना अपमान स्वयं न करे मातृशक्ति

महिलाओं ने घर की देहरी लांघ कर पुरुषों की बराबरी प्रारम्भ की और सार्वजनिक क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र में भागीदारी के बाद अब सरकारी, अर्द्ध सरकारी, राजनीति और व्यापार में भी महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इस आधी आबादी को कभी अबला के नाम से जाना जाता था यही आधी आबादी मातृशक्ति के नाम से आज जानी और पुकारी जाती है। न्यायपालिका और विधायिका में भी पूरा अधिमान मिल रहा है। सृष्टि का नियम है कि जिसको कमजोर मानकर उसके उत्थान के नियम बना दिए जाते हैं तभी उन नियमों का उल्लंघन शुरु हो जाता है यह उल्लंघन या कहें कि नियम कानूनों का दुरुपयोग कौन करता हैे और इसके क्या दुष्परिणाम होते हैं आज पुरुष समाज जिसे कभी पुरुष प्रधान समाज के नाम से जाना जाता था वह आज शोषित समाज बनकर उभर रहा है और जिस मातृशक्ति कभी शालीनता के लिए सम्मान होता था वह आज गिरी दृष्टि से देखी जाने लगी है। आज समाज की यह धारणा बनती जा रही है कि स्त्री जाति का कोई भरोसा नहीं कब किस पर क्या आरोप लगा दे। यह विचारधारा कोई मनगढ़त नहीं बल्कि व्यवहार के अनुकूल है। महिला उत्पीड़न के अब तक संत, राजनेता, सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारियों के सा

भारत के वैज्ञानिकों का है सनातन धर्म से छत्तीस का आंकड़ा

हरिद्वार। सनातन धर्म के पर्व हों या भारतीय सभ्यता की परम्परायें दोनों के विरोध में वैज्ञानिकों के मत और जनहित याचिकायें आती रहती हैं। उन याचिकाओं को स्वीकृत भी किया जाता है उन पर निर्णय भी होते हैं। हमारे वैज्ञानिक भी तरह-तरह की खोजें करते रहते हैं उनके मत भी कुछ ऐसे ही होते हैं जैसे जनहित याचिकाओं के निर्णय। सनातन धर्म के पर्वों में चाहे होली हो या दीपावली अथवा श्रावण मास का कांवड़ मेला सभी पर वैज्ञानिकों के शोध और जनहित याचिकाओं के निर्णय आते हैं और मीडिया भी उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्रकाशित करती है। विडम्बना यह है कि हमारे धर्मगुरुओं के उपदेश, भागवत कथा तथा रामकथा इत्यादि के प्रसारण का शुल्क इलैक्ट्रोनिक मीडिया का प्रतिघंटा लाखों में होता है लेकिन कांवड़ मेले में डीजे बजाना हो, होली पर रंग खेलना हो या दीपावली पर पटाखे चलाने पर हमारे संतों के बयान निशुल्क प्रकाशित और प्रसारित होते हैं। संत भी सहर्ष बयान दे देते हैं और समाचार पत्रों में अपने रंगीन फोटो के साथ छपे बयान पर खूब वाहवाही लूटते हैं, ऐसे ही होगी धर्म की जय? दो-तीन वर्षों में दीपावली पर पटाखे न चलाने के लिए वायुमण्डल में

डीजल से चलने वाली लग्जरी गाड़ियों के निर्माण पर लगे रोक

हरिद्वार। भारत में बिकने वाले पेट्रो पदार्थों के दाम समाज में समरसता बनाने के हिसाब से तय किए गए थे, इसी नियम के तहत किसानों के ट्रैक्टर, आम जनता के भार वाहन ट्रक, बस तथा डीजल से चलने वाली ट्रेनों के कारण डीजल के दाम पेट्रोल से कम रखे गए थे। आम जनता एवं किसानों के अधिकारों पर अतिक्रमण करने के लिए ही इस देश के गद्दार उद्योगपतियों ने डीजल से चलने वाली लक्जरी एसी गाड़ियां एवं बिजली न होने पर डीजल से चलने वाले जनरेटर बनाने प्रारम्भ कर दिए। आज पेट्रोल की तुलना में डीजल से चलने वाली गाड़ियों की संख्या अधिक है और इन्हीं लग्जरी गाड़ियां बनाने वाली कम्पनियों ने न्यायलयों में जनहित याचिकाओं के माध्यम से यह आदेश करवा रखे हैं कि वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए डीजल से चलने वाली कोई भी गाड़ी दस साल से अधिक सड़क पर नहीं चलेगी, कितना न्याय संगत है? गाड़ी की कीमत भी कम्पनियां तय करती हैं, गाड़ी का ईंधन भी कम्पनियां तय करती हैं और गाड़ी की उम्र भी कम्पनियां ही तय कराती हैं जो नागरिक पांच लाख से लेकर करोड़ों रुपये कीमत की डीजल से चलने वाली गाड़ी खरीदेगा और दस साल बाद वह गाड़ी आउट डेटेड हो जायेगी तो देश का यह

राम मंदिर का निर्माण देश और समाज की आवश्यकता?

हरिद्वार। जब धर्म का राजनीतिकरण हो जाये धर्म का प्रचार करने वाले संतवेषधारी दुष्कर्म के आरोपों में जेल जाने लगें तब धर्म के ठेकेदारों से धर्म को बचाने के लिए राजनेता या वर्ग विशेष को नहीं बल्कि जनता को पहल करनी चाहिए तथा धर्म की दुहाई देकर वोट मांगने वालों को सिरे से नकार देना चाहिए। जब-जब लोकसभा के चुनाव आते हैं एक पार्टी विशेष तथा उससे जुड़े भगवाधारी मंदिर-मंदिर की चिल्लपों मचाना प्रारम्भ कर देते हैं जबकि देश की जनता जानती है कि मंदिर निर्माण देश और समाज की मूल आवश्यकता नहीं है फिर भी जनता बार-बार इसी मुद्दे पर गुमराह होती रही है। जनता को व्यर्थ के मुद्दों पर भटकाने का काम बुद्धि एवं विवेक विहीन मीडया करती है। मीडिया प्रचार का माध्यम होता है पक्ष नहीं इस नियम का पालन प्रिंट मीडिया तब तक करता रहा जब तक वह बुद्धिजीवियों के पास रहा, आजकल प्रिंट मीडिया पर पंूजीपतियों का कब्जा है जो समाज को सद्गति देने वाले समाचारों के स्थान पर समाचार-पत्रों के माध्यम से समाज को समाचारों के स्थान पर विज्ञापन पढ़ने के लिए बाध्य करते हैं यह जनता के मूल अधिकारों का हनन है क्योंकि जनता समाचार पढ़ने के लिए अखब

सत्ता पाना जिसका धर्म हो वही असली राजनेता

हरिद्वार। देश और समाज पर राज करने का नाम राजनीति होता है, जो सबसे कठिन काम है जो राजनेता जीवन भर राजनीति करते हैं उन्हें नया बना नेता कब किनारे लगा दे इसका पूर्वानुमान उन्हें भी नहीं हो पाता है। राजनीति उस जटिल विधा का नाम है जिसमें न दोस्त का पता होता है न ही दुश्मन का। अपना ही नजदीकी मित्र या परिजन कब दुश्मन बन जाये कुछ पता नहीं होता है। राजनीति ही एकमात्र ऐसी विद्या है जिसमें व्यक्ति कभी भी मास्टर नहीं बन पाता और न ही जीवन पर्यन्त किसी पद विशेष पर रह पाता है। किसी व्यक्ति का कोई ऐसा करतब जो सामने वाले के समझ में न आये वही राजनीति और वही जादू होता है। जिस प्रकार जादू की वास्तविकता कुछ और होती है उसी प्रकार राजनीति में हाथी के दांतों की तरह दिखाया कुछ जाता है और किया कुछ जाता है। जिसकी कथनी और करनी में अन्तर नहीं वह नेता नहीं, आजकल के जमाने में सबसे बड़ा नेता वही होता है जो कहे कुछ और करे कुछ। अतीत हमारे देश की राजनीति का गवाह है जितने चाहो प्रमाण मिल जायेंगे। जहां तक राष्ट्रीय राजनीति की बात है तो भारत में मुगलकाल से अब तक यही होता आया है सत्ता इतनी बुरी बला होती है कि इसमें बाप और भ

देश और समाज को बचाने के लिए धार्मिक पर्वों का संरक्षण जरुरी

हरिद्वार। सनातन धर्म पर्वों का ऐसा गुलदस्ता है जो अपनी सामयिक परिस्थितियों के अनुरुप समाज में संस्कार और संस्कृति के साथ ही स्वस्थ जीवन का समावेश करता है यही कारण है कि सनातन धर्म के सापेक्ष आचरण करने वाले सुखी, स्वस्थ एवं चिरायु होते हैं इसीलिए हमारे ऋषि मुनियों के लम्बे जीवन और उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। दीपावली सनातन धर्म का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण पर्व है जो पांच दिन तक चलता है और इस वर्ष यह पर्व 5 नवम्बर से 9 नवम्बर तक मनाया जायेगा। हमारे ऋषि मुनियों ने इस महान पर्व की संरचना ही कुछ इस प्रकार की कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति सुख, समृद्धि, शांति एवं सद्भाव का एहसास कर सके इसीलिए इस महापर्व को लक्ष्मी पूजा के रुप में प्रधानता प्रदान की गई है जिसकी तैयारियां दो माह पूर्व से ही शुरु हो जाती हैं। घरों की रंगाई-पुताई, पुरानी वस्तुओं को हटाकर नए सामानों से घर को सजाना, एक-दूसरे को उपहार देकर सामाजिक सद्भाव का वातवरण तैयार करना तथा गोवर्धन पूजा के साथ ही भाई-बहन के रिश्तों की प्रगाढ़ता का पर्व भैया दूज के साथ पांच दिन तक चलने वाला यह पर्व न केवल अपने धर्म बल्कि दूसरे धर्म के अनुयायियों के च