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सनातन संस्कृति को विश्व स्तर पर स्थापित करेगा हरिद्वार कुंभ : स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

        हरिद्वार ।  श्री गीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष तथा निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती एवं जूना अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव महंत देवानंद सरस्वती ने आज सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए देवभूमि उत्तराखंड के संत समाज से सनातन संस्कृति के गौरव को सर्वोच्च शिखर पर स्थापित करने का आवाहन किया। उन्होंने हरिद्वार में आयोजित हो रहे कुंभ पर्व को विश्व स्तर पर संस्कारित जीवन यापन के लिए प्रेरणादाई बनाने का भी संकल्प लिया तथा कलयुग को नैतिक पतन का युग बताते हुए माना कि विशंगतियाँ कितनी भी प्रवल हों प्रतिभाओं के सामने निर्बल एवं अस्तित्व हीन हो जाती हैं।           निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ एवं वयोवृद्ध महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने संतो को देवताओं से भी महान बताते हुए कहा कि श्री हरि के अवतारी भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण ने भी देवताओं से अधिक संतों का सम्मान उनकी योग्यता एवं विचारधारा के आधार पर किया, इसीलिए संत समाज को राजा से भी बड़े संबोधन महाराज के नाम से पुकारा जाता है। समस्त संत समाज से अपनी प्रतिबद्धताओं एवं
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कौन कहता है अच्छे दिन नहीं आए

कौन कहता है अच्छे दिन नहीं आए अभी और अच्छे दिन आने वाले हैं। दारू पीकर वोट देने वाली युवा पीढ़ी की जय । भारी भरकम वेतन लेने के बाद भी कमीशन खोरी एवं भ्रष्टाचार करने वाली सरकारी मशीनरी की जय। सस्ती जमीन सस्ती श्रम शक्ति और सस्ता कच्चा माल खरीद कर चाइना से महंगा सामान बेचने वाले उद्योगपतियों सामान चाइना से महंगा सामान बेचने वाले उद्योगपतियों कर चाइना से महंगा सामान बेचने वाले उद्योगपतियों  की जय । भारी भरकम मूल्य लेकर बिकने वाले जनप्रतिनिधियों की भी जय । हरिद्वार । बिना किसी काम धाम के घर बैठे खाने को मिले और सांसारिक झंझट या कहें भव बंधनों से मुक्ति मिल जाए तो इससे अधिक अच्छे दिन और क्या हो सकते हैं । हमारी बड़े बहुमत से चयनित सरकार ने चुनाव पूर्व जनता से जो वादे किए थे उन्हें एक-एक कर अब पूरा कर रही है । घर बैठे राशन मिल रहा है और बिना किसी कामकाज के खातों में पैसे भी आ रहे हैं अभी तक कुछ लोगों के खातों में आए हैं आगे चलकर दूसरों के खातों में भी आएंगे चिंता करने की कोई बात नहीं है देखते जाओ अभी आगे चलकर और अच्छे दिन आएंगे । जो सरकारी मशीनरी इस संकट की घड़ी में भी भेदभाव पूर्ण तरीक

कुम्भ मेला कार्य में अनावश्यक धन न खर्च किया जाये: रामनरेश् यादव

हरिद्वार । अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष तथा समाजवादी विचारक रामनरेश यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र प्रेषित कर 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों में अनावश्यक धन खरच न करने की मांग की है । पत्र में उन्होंने लिखा है कि अभी तक कुंभ मेले की तैयारियां ना के बराबर हैं और लाक डाउन के चलते निर्माण कार्य न होने से कुंभ कार्य पूर्ण नहीं हो पाएंगे। जून माह से वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाएगी तथा 3 महीने बरसात के बाद इतना समय नहीं बचेगा कि दिसंबर 2020 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएं । इससे पूर्व जुलाई माह में आयोजित होने वाला श्रावण मास का कावड़ मेला भी औपचारिक ही रहेगा और दोनों मेलों में यदि करोड़ों की संख्या में भी जनता  आती है तो कोरोना जैसे किसी अन्य वायरस की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है ।    कुंभ एवं कावड़ दोनों मेलों को आस्था के नाम पर केवल धार्मिक औपचारिकता बताते हुए उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 2019 में प्रयागराज में संपन्न हुए अर्धकुंभ मेले में इतनी बड़ी धनराशि व्यय करने के बाद भी न तो देश का भला हुआ ना समाज का और ना ही आयोज

भूखे को भोजन और प्यासे को जल देना ही भगवान की सबसे बड़ी पूजा है : सतपाल ब्रह्मचारी

हरिद्वार 29 अप्रैल । श्री राधा कृष्ण धाम के परमा अध्यक्ष  सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा है कि भूखे को भोजन और प्यासे को जल देना ही भगवान की सबसे बड़ी पूजा है, राधा कृष्ण धाम लाकडाउन के प्रारंभ काल से ही संपूर्ण हरिद्वार क्षेत्र में भोजन के पैकेट वितरण की व्यवस्था कर रहा है जो 8 मई तक अनवरत जारी रहेगी। जिन लोगों के पास बनाने की व्यवस्था है उनको एक से 3 मई तक कच्चे राशन का वितरण किया जाएगा । वे आज राधा कृष्ण धाम में अपने सहयोगी तथा संत समाज को अपनी कृतज्ञता से अवगत करवा रहे थे। सहयोग करने वाले संतों तथा समाज सेवियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल में ही समाज को सहयोग की आवश्यकता होती है और सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते मैं अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा हूं। श्री सतपाल ब्रह्मचारी को साहसिक कार्य के लिए महामंडलेश्वर स्वामी चेतनानंद उदासीन तथा महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा कि हरिद्वार के आश्रमों मेंलगभग पाँच सौ अन्न क्षेत्र चल रहेथे जिन को प्रशासन ने प्रशासन ने बंद करवा दिया जिससे हरिद्वार की 20%  जनता भूखमरी के कगार पर आ गई थी। श्री सतपाल ब्रह्मचारी ने

जुलफिकार अली सलमानी के असामयिक निधन पर दुख व्यक्त

हरिद्वार 3 मई। ऑल इंडिया सलमानी ट्रस्ट के उपाध्यक्ष तथा समाजवादी नेता फैसल सलमानी में वरिष्ठ पत्रकार तथा सलमानी समाज के प्रांतीय सदर  जुलफिकार अली सलमानी के असामयिक निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कलाम पाक की तिलावत की। उन्होंने संपूर्ण सलमानी समाज की तरफ से शबाब की नियत से फातहा करते हुए  उनके परिजनों को इस अपार दुख सहन की सामर्थ देने की कामना की।  लाकडाउन के मद्देनजर  जूममीटिंग के माध्यम से प्रेस को जारी बयान में फैसल सलमानी ने कहा कि जुल्फिकार अली सलमानी समरसता वादी विचारधारा के उदीयमान खबर नवीस थे तथा बिरादरी के हक हकूको के प्रति हमेशा समर्पित भावना से कार्य करते रहे उनका असामयिक निधन संपूर्ण समाज के लिए बड़ी हानि है । जुल्फिकार अली सलमानी के निधन पर संवेदना व्यक्त करने वालों में प्रमुख थे नदीम सलमानी, सुहेल सलमानी, नसीम सलमानी, शमशाद सलमानी, सलीम सलमानी ,शाहिद सलमानी, शमशेर सलमानी, आसिफ सलमानी, खुर्शीद सलमानी जमीर सलमानी तथा हाजी शहाबुद्दीन सलमानी ।

किसानों को प्रोत्साहन देकर भारत का नवनिर्माण करे सरकार : राम नरेश यादव

हरिद्वार । 40 दिन तक चले लॉक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था धराशाई हो गई है जबकि 2 सप्ताह का लॉक डाउन बढ़ाने के बाद भी कोई गारंटी नहीं है कि 17 मई के बाद लाकडाउन हटा लिया जाएगा। लॉक डाउन से सर्वाधिक नुकसान कृषि और कृषकों का हुआ है जिसका उत्पादन और विपणन दोनों पर इतना दुष्प्रभाव पड़ा कि किसान की आर्थिकी नष्ट हो गई और उससे भी बुरी खबर यह कि उसका बेटा जो गांव छोड़कर शहरों में रोजगार या नौकरी के लिए गया था वह भी भूखा प्यासा पैदल चलकर गांव वापस आ गया जिससे किसान का सारा गणित गड़बड़ा गया है। उद्योगों के बंद होने से किसान पर और दोहरी मार पड़ी है उसका बेटा जो मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण घर से बाहर रहकर कर रहा था वह भी अब पुनः परिवार पर भार बन गया है।        केन्द्र तथा राज्य सरकारों को चाहिए कि उद्योगों के स्थान पर किसानों को प्रोत्साहन देकर देश की 70% आबादी को स्वरोजगार से जोड़े। किसान के जो भी उत्पाद हैं अन्य खाधान्न ,सब्जी ,फल ,फूल ,दूध तथा मत्स्य सभी मानव जीवन के लिए उपयोगी है जबकि हमारे देश के 50 से 70% उद्योगों में लग्जरी तथा ऐसे सामानों का उत्पादन होता है जो समाज में फिजूलखर्ची फैल

परतंत्रता का प्रतीक है स्वतंत्र देश में क्रूर व्यवहार का सूत्रपात।

महात्मा गांधी ,सुभाष चंद्र बोस एवं भगत सिंह जैसे सैकड़ों आजादी के महानायको ने तमाम यातनाएं सहते हुए जिस देश को 15 अगस्त 1947 में आजाद कराया उसे हमारे राजनेताओं ने दो बार कलंकित किया  ।एक कहावत है कि  अति सर्वत्र वर्जयेत  अधिकता का आभास होते या बलशाली धनवान या सत्ता की शक्ति पाकर व्यक्ति मनमानी पर उतर आता है और यही अभिमान उसे  कंस  एवं रावण  की भात उसे अंत तक पहुंचाता है  हमारी आजादी को एक बार 1975 में आपातकाल की घोषणा कर कलंकित किया गया तो दूसरी बार नोटबंदी एवं लॉक डाउन के  माध्यम से देश के आम नागरिक को परतंत्रता का आभास कराया गया आपातकाल से आम जनता इतनी प्रभावित नहीं हुई जितनी इस लॉक  डाउन से हो रही है विडंबना यह कि जो तंत्र देश की जनता की सेवा के लिए बनाया गया वह भी सत्ता के शीर्ष पर बैठे राजनेता की तर्ज पर देश की   गरीब एवं बेसहारा जनता को प्रताड़ित कर रहा है।              वायरस किसी भी बीमारी का हो यह आते रहते हैं और अब तक जाने ही कितने वायरस और जीवन भक्षक बीमारियां आए वायरस और जीवन भक्षक बीमारियां आए सभी का जनता ने सामना किया अंततोगत्वा अब तक सभी भयंकर से भयंकर बीमारियों पर काबू