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Showing posts from February, 2019

आतंकी हमलों की पुनरावृत्ति तुरन्त रोके भाजपा सरकार

दशहतगर्दी फैलाकर किसी को कमजोर करना और अपनी बात मनवाने के लिए दूसरे को मजबूर करने जैसी घटनायें तभी होती हैं जब किसी व्यक्ति का अपना घर मजबूत नहीं होता है या घर का मुखिया अपने ही घर के किसी पर दवाब बनाकर अपना प्रभुत्व स्थापित करता है। शक्ति व्यक्ति की सामर्थ्य से परिलक्षित होती है और जो बातों के बताशे बनाकर अनावश्यक डींगे मारते हैं उन पर दुश्मन हावी होने के लिए हथकण्डे अपनाते रहते हैं। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुआ आतंकी हमला अब तक का सबसे बड़ा हमला है जिसमें हमारे 44 जवान व्यवस्था की खामियों के कारण मौत के मुंह में समा गए। पाकिस्तान आतंक का पर्याय है और 1947 से अब तक भारत के साथ उसके रिश्ते कैसे रहे यह किसी से छुपा नहीं है। भारत का एक-एक नागरिक जानता है कि पाकिस्तान कश्मीर के रास्ते भारत में अस्थिरता का वातावरण बनाता रहता है इस बात से हमारी सेनाएं भी बखूबी वाकिफ हैं और केन्द्र की सत्ता तथा विपक्ष में बैठे राजनेता भी। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक एवं संस्कारित राष्ट्र है और जब राष्ट्र पर किसी प्रकार का संकट आता है तो भारत का एक-एक नागरिक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ख

देश का किसान बदलेगा राजनीति की दिशा: लालसिंह यादव

बरेली। समाजवादी कृषक नेता चौ. लालसिंह यादव ने कहा है कि किसान देश की आत्मा है जो अन्नदाता बनकर देशवासियों को खाद्यान्न व्यवस्था प्रदान करता है और किसान का ही बेटा सेना में सिपाही बनकर राष्ट्र की रक्षा करता है। किसान की कुर्बानी से ही देश आत्मनिर्भर बना और देश की सत्ता का संचालन करने वाली सरकारों का चयन भी देश की सत्तर प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के योगदान से ही होता है। किसान किसी राजनेता अथवा सरकार की कृपा का मोहताज नहीं है लेकिन उसी के द्वारा चयनित सरकारें किसान के साथ नाइंसाफी कर कृषि उपज का पूरा मूल्य नहीं देती हैं परिणाम स्वरुप  किसान और उसके परिवार का स्तर अपनी कार्यपालिका एवं विधायिका के स्तर से काफी नीचा रह गया है। प्रेस को जारी एक बयान में उन्होंने देश में आर्थिक विषमता बढ़ाने के लिए केन्द्र की सत्ता पर काबिज रही सरकारों की नीतियों को दोषी बताते हुए कहा कि हमारे राजनेता अपने वेतन भत्ते स्वयं बढ़ा लेते हैं और कार्य पालिका वेतन आयोगों का गठन कर अपने-अपने वेतन भत्ते लगातार बढ़ाती जा रही है। जितने वेतन भत्ते  बढ़ रहे हैं उतना ही भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। जब तक सरकारी

अलगाववाद को त्यागकर समाजवाद से जुड़े देश की जनता: डॉ. एस.बी. यादव

बरेली। समाजवादी विचारक एवं शिक्षाविद् अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य डॉ. श्यामबिहारी लाल यादव ने कहा है कि देश को विकास की आवश्यकता है जो समाजवाद से ही संभव है। मंदिर, मस्जिद एवं हिन्दू-मुस्लिम में बांटकर देश को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है और जिन लोगों का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा उनको जनता और देश की आजादी रास नहीं आ सकती। प्रेस को जारी एक बयान में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में अर्द्धसैनिक बलों पर हुए आतंकी हमले को सरकार की विफलता एवं गलत नीतियों का परिणाम बताते हुए कहा कि देश और प्रदेश की सत्ता संभालना किसी अकुशल व्यक्ति या नकारात्मक विचारधारा वाले का काम नहीं है लेकिन समाज में बढ़ रही आर्थिक विषमता ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अर्थ ही बदल दिया है जिस लोकतंत्र की स्थापना जनता के मताधिकार से होती थी उसको आज पूंजीपतियों के आर्थिक सहयोग से बनाया जा रहा है। जो घर परिवार की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम नहीं थे वे देश और प्रदेश के खेवनहार का दायित्व संभाल रहे हैं। देश और समाज को किस चीज की आवश्यकता है लेकिन ये नेता देश को किस तरफ ले जा रहे हैं इस पर जनता को पुनः विचार करना होे

समाजवादी सरकार का एक्सप्रेसवे देश का गौरव: एन.एस. यादव

बरेली। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन.एस. यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त राजनेताओं को जनता वोट की चोट से बेनकाब करे और जिन राज नेताओं के कार्यकाल में विकास और जनहित के कार्य हुए हों उन्हें दोबारा सेवा का अवसर देकर देश और प्रदेशों को उन्नति के पथ पर अग्रसर होने का मार्ग प्रशस्त करे। जो राजनेता एक-दूसरे पर चोर और भ्रष्ट होने का आरोप लगा रहे हों उनको सत्ता की भागीदारी से अलग रखकर ईमानदार एवं कर्मठ जन प्रतिनिधियों का चयन करें। प्रेस को जारी एक बयान में एन.एस. यादव ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर चोर होने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर देश की राजनीति में गंदगी फैला रहे हैं जबकि वर्तमान केन्द्र सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में देश का कितना अहित किया वह किसी से छुपा नहीं है और जब हिन्दू-मुस्लिम तथा मंदिर कार्ड नहीं चला तो अब लाशों पर राजनीति कर दोबारा सत्ता की सवारी करने का माहौल तैयार किया जा रहा है जिसे देश की जनता भली प्रकार समझ चुकी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आम जनता से जुड़ा नेता तथा विकास पुरुष बताते हुए

वाणी के अपभ्रंस ने गिरायी राजनीति की गरिमा

समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रामनरेश यादव ने कहा है कि समाजवाद भारत की आवश्यकता है जबकि अलगाववाद बढ़ाने से देश को आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ता है। संगठन में बड़ी शक्ति होती है और जब राजनेता एक-दूसरे की बुराई करने को ही अपना कर्तव्य मान लेते हैं तब कमजोर पड़ोसी भी हमलों की साजिश रचने लगते हैं। वाणी की कटुता और शब्दों के अपभ्रंस से व्यक्ति के चरित्र सभ्यता और गंभीरता का बोध होता है तथा जो राजनेता वाणी से गिर जाता है उसकी गरिमा गिरनी प्रारम्भ हो जाती है जो देश के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरती है। प्रेस को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ भाजपा में सम्मान की संस्कृति नहीं है चाहे पद कितना ही बड़ा मिल जाये इस दल का नेता पद की गरिमा पर कभी खरा नहीं उतर पाता है। भारत की जनता ने दोबारा भाजपा को पूरे कार्यकाल के लिए देश की सत्ता सौंपी लेकिन भाजपा का कोई भी नेता देश की जनता की भावनाओं और अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। केन्द्र की वर्तमान सरकार ने देश का जो नुकसान किया उसकी पूर्ति आगामी दस वर्षों में भी नहीं हो पायेगी और धनहानि को अनदेखा कर दिया जाये तो भी जनहानि के कलंक को कभी भी

भाजपा बनी देश पर संकट लाने का पर्याय

जाति और धर्म के आधार पर देश और समाज को बांट कर सत्ता प्राप्त करने वाली भाजपा भारत के लिए संकटों का पर्याय बन चुकी है। सरकार चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की हो या नरेन्द्र मोदी की, जहां संघ की विचारधारा का प्रयोेग होता है वहीं देश और समाज पर नाना प्रकार के संकटों का आगाज होने लगता है। वर्ष 2014 और इससे पूर्व भाजपा ने सत्ता में आने के लिए देश की जनता से जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं किया बल्कि जो कहा उसका उल्टा किया जिससे राष्ट्र को अपार जन और धन की हानि उठानी पड़ी। केन्द्र में काबिज रही सरकारों ने पिछले छः दशक में जितनी प्रगति की उसकी दुर्गति भाजपा ने पांच साल में कर देश को बीस साल पीछे धकेल दिया है। देश की आजादी के सात दशकों में युद्ध को छोड़कर उतने सैनिक नहीं मारे गए जितने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुए कारगिल तथा मोदी राज में उड़ी तथा पुलवामा में मारे गए जिससे भारत का सिर नीचे झुका है मजबूरन विश्व के अन्य देशों को भारत के प्रति बेचारा समझ कर सहानुभूति प्रकट करनी पड़ी। पिछले पांच सालों में सीमा पर मारे गए हमारे जवानों की संख्या यह बताती है कि देश का राजा शक्तिशाली है या बुजद

उत्तराखंड की जनता अब नहीं होगी मायूश , राज्य निर्माण का सपना होगा साकार : सिद्धार्थ सिंह

हरिद्वार। समाजवादी पार्टी के युवा नेता एवं उत्तराखण्ड सपा के फ्रंटल संगठनों के प्रभारी सिद्धार्थ सिंह ने सोमवार को पुल जटवाड़ा स्थित जिला कार्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं से भेंटकर उत्तराखण्ड में पार्टी के पुर्नगठन पर चर्चा की वे उत्तराखण्ड में गढ़वाल एवं कुमांऊ मण्डल के एक सप्ताह के दौरे पर आए हैं तथा कार्यकर्ताओं के विचारों से राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराएंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कार्यकर्ताओं को संदेश देते सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड में सपा कार्यकर्ता हों या राज्य की जनता किसी को भी अब उपेक्षित नहीं रहने दिया जाएगा इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व स्वयं संगठन की समीक्षा बैठकों का आयोजन कर कार्यकर्ताओं को जन-जन से जोड़ने का कार्य करेगा। उत्तराखण्ड को भारत का सर्वोत्तम राज्य बताते हुए उन्होंने काह कि इस नए राज्य का सृजन ही समाजवादी पार्टी ने किया था ताकि सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को अपने राज्य में सेवाओं के अवसर प्राप्त हों और स्थानीय नेता स्वयं राज्य के विकास में योगदान दें लेकिन अब तक जो दल सत्ता पर काबिज रहे उन्होंने नए राज्य निर्माण के सपन

देश को संवैधानिक संकट से उबारें राष्ट्रपति

हरिद्वार 4 फरबरी । समाजवादी विचारक तथा पत्रकार राम नरेश यादव ने कहा है कि देश की व्यवस्था संविधान से चलती है लेकिन धर्मनिरपेक्ष देश को जाति धर्म एवं हिन्दू मुस्लिम में बांट कर संवैधानिक व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है । पूरा पूरा विकास की ओरपूरा बढ़ रहा है लेकिन भारत की जनता का ध्यान विकास से हटाकर उसको व्यर्थ के मसलों में उलझाया जा रहा है यह संघ की बहुत बड़ी साजिश है जिसको समय रहते पूरा नहीं किया गया तो देश दोबारा गुलामी और गरीबी के गर्त में समा जायेगा । देश की जनता ने जिस उम्मीद के साथ 2014 मे नई सरकार का चयन किया था उसने न केवल जनता को निराश किया बल्कि संस्कार, संस्कृति, संबिधान एवं संबैधानिक संस्थाओं की गरिमा, सभी को पलीता लगा दिया । देश की आर्थिक समानता, बेरोजगारी एवं सामाजिक तथा धार्मिक एकता सभी को बड़ा खतरा उत्पन्न किया जा रहा है । देश के धर्म निरपेक्ष स्वरूप को बदल कर इतना धार्मिक उन्माद फैला दिया गया कि यदि तत्काल राहत नहीं मिली तो देश साम्प्रदायिकता की आग में झुलस जायेगा ।  देश की जनता में विकास कार्यो से ध्यान हटा कर भेदभाव एवं प्रतिशोध की भावना का प्रादुर्भाव किया जा रहा है

लोकतंत्र को बचाने के लिए साम्प्रदायिकता से दूरी बनाये देश की जनता

समाजवादी विचारक एवं पत्रकार रामनरेश यादव ने कहा है कि राजनेताओं की विकृत हो रही वाणी से जनता को सावधान रहना होगा अन्यथा सत्ता सुख के स्वार्थी नेता धर्म और सम्प्रदाय का जहर घोलकर हिन्दुस्तान को 1947 वाली स्थिति में पहुंचाने में सफल हो जायेंगे। देश की स्वतंत्रता एवं स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों का अपमान वही कर सकता है जिसके परिवार अथवा पार्टी का कोई व्यक्ति आजादी की लड़ाई से न जुड़ा हो ऐसे लोग देश का संविधान, इतिहास और भूगोल बदलने का प्रयास कर रहे हैं देश की जनता को समय रहते सावधान हो जाना चाहिए। सत्ताधारी दल हो या विपक्षी राजनेता देश के राजा का स्वरुप होता है और ‘यथा राजा तथा प्रजा’ वाली कहावत काफी पुरानी है कि राजा की भाषा और कर्म जैसा होता है जनता का कार्य और व्यवहार भी वैसा ही बन जाता है। भारत लोकतांत्रिक देश है यहां जनता का अधिकार सर्वोपरि होता है लेकिन वर्तमान सरकार के राजनेता जनता को अपना गुलाम और अनुयायी समझ कर उनकी मानसिकता बदलने के लिए भाषा का अपभ्रंस पैदा कर रहे हैं। देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष के साथ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी को समान रुप से स्वायत्तता प्रदान करता है ल

देश को बर्बाद करने वालों को कभी सत्ता न सौंपे जनता

हरिद्वार 4 फरबरी । समाजवादी विचारक तथा पत्रकार राम नरेश यादव ने कहा है कि देश की व्यवस्था संविधान से चलती है लेकिन धर्मनिरपेक्ष देश को जाति धर्म एवं हिन्दू मुस्लिम में बांट कर संवैधानिक व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है । पूरा विश्व विकास की ओर बढ़ रहा है लेकिन भारत की जनता का ध्यान विकास से हटाकर उसको व्यर्थ के मसलों में उलझाया जा रहा है यह संघ की बहुत बड़ी साजिश है जिसको समय रहते समाप्त नहीं किया गया तो देश दोबारा गुलामी और गरीबी के गर्त में समा जायेगा । देश का भविष्य बिगाड़ कर विदेशों को मालामाल करने की बड़े पैमाने पर योजना चल रही है, राफेल डील, खाद्यान आयात और भारत का धन लेकर विदेशों में भाग जाने वालों पर कोई कार्यवाही न होना, विकास कार्यों को ठप्प तीस हजार करोड़ की मूर्ति खड़ी करना तथा राम मंदिर निर्माण के लिए अर्धकुम्भ जैसे धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण करना देश धर्म और संस्कृति के सामने बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है । देश में 70 प्रतिशत आबादी किसानों की है और उसको अपनी उपज के बाजिब मूल्य की आवश्यकता है, उसे कृषि उपज का उचित मूल्य न देकर प्रति परिवार मात्र 16 रुपये 70 पैसे की खैरात दे

विकास के मुद्दे पर हो लोकसभा चुनाव

अंतराष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष राम नरेश यादव ने कहा है कि आसन्न लोकसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर ही मतदान हो और एक दूसरे की आलोचना करने वाले लोगों को जनता सिरे से नकार कर राष्ट्र हित में निर्णय ले। निर्वाचन आयोग को देश की 70%जनता तथा विपक्षी पार्टियों की बात को स्वीकार करते हुए राष्ट्रहित में निर्णय ले लेना चाहिए। लोकतंत्र में बहुमत के आधार पर ही निर्णय लिए जाते हैं लेकिन हमारे देश का चुनाव आयोग पहली बार विपक्ष की बात को न मानकर केवल सत्ता पक्ष के इशारे पर ही कार्य कर रहा है, इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इससे पूर्व चुनाव आयोग को जनहित में निर्णय लेने के लिए आदेशित कर दिया था लेकिन आयोग की कार्यशैली में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। विपक्ष के बार बार कहने के बाद भी कोई कार्यवाही न होना आयोग की संवैधानिकता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाता है। लोकसभा चुनाव में अभी इतना समय है कि मतपत्र के माध्यम से मतदान कराने की तैयारी की जा सकती है।

देस की प्रगति के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे सरकार

समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता राम नरेश यादव ने कहा है कि राष्ट्र के विकास के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारें कृषि एवं कृषकों को प्रोत्साहन दें | किसानों को बिचौलिओं से बचाकर कृषि उपज का सीधे तौर पर सरकार क्रय करे तो किसान स्वयं सम्पन्न हो जाये और जब तक भारत का किसान सम्पन्न नहीं होगा जब तक चाहे कोई सा इंडिया बना लो भारत सम्पन्न राष्ट्र की श्रेणी में आने वाला नहीं है प्रेस को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि किसान किसी की कृपा या खैरात का मोहताज नहीं है, भारत में सर्वाधिक मेहनत किसान और सीमा पर देश की सुरक्षा किसान का बेटा करता है, लेकिन अब तक देश पर काबिज रही सरकारों की गलत नीतियों के कारण किसान को अपनी उपज और मेहनत का बाजिब मूल्य नहीं मिला, इसीलिए कृषक परेशान और उद्योगपति खुशहाल हैं। उद्योगपति को सस्ता श्रमिक और कच्चा माल मिल जाता है, वह अपने उत्पाद का मूल्य स्वयं निर्धारित करता है इसीलिए ख़ुशहाल है जबकि कृषि उपज का मूल्य सरकार निर्धारित करती है और खरीद सीधे न कर बिचौलिओं के माध्यम से करती है इसीलिए किसान गरीब और परेशान हैं।किसान यदि तिलहन की खेती करता है तो सरकार उसकी उपज नही

बजट में सरकार ने किया किसानों का अपमान

हरिद्वार 2 फरबरी ।समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रामनरेश यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 70 करोड़ में से 6 प्रतिशत मात्र 12 करोड़ किसानों को 17 रुपया प्रतिदिन देने की घोषणा के माध्यम से बड़ी वाहवाही लूटी है जिसे किसान अपना अपमान समझ कर दोबारा झांसे में आने वाले नहीं हैं । सरकार ने अपने ऊपर75000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ने की बात कही है लेकिन बजट में केवल 20000 करोड़ रुपये का ही  प्राविधान किया है जो किसानों के साथ सीधा छलावा है । [4:46 PM, 2/2/2019] Ganga Ka Sandesh: केंद्र सरकार के बजट को राजनेता एवं व्यूरोक्रेट्स के हितों की रक्षा करने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान किसी खैरात का मोहताज नहीं है, वह केवल और केवल अपनी मेहनत और लागत के अनुरूप अपनी उपज का मूल्य चाहता है जिसे सरकार न देकर उसको तरह तरह के प्रलोभनों में बहका रही है । किसानों के लिए 17 रुपये प्रतिदिन की खैरात को मेहनतकश अन्नदाता का अपमान बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान यदि एक चाय और एक पकोड़ा खरीदता है तो उसे 20 रुपये देने पड़ते हैं, इसके अतिरिक्त आधा किलो दूध का मूल्य बीस रुपये, एक किलो आटे का मूल्य 25 रुप

बजट में सरकार ने किया किसानों का अपमान

हरिद्वार 2 फरबरी ।समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रामनरेश यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 70 करोड़ में से 6 प्रतिशत मात्र 12 करोड़ किसानों को 17 रुपया प्रतिदिन देने की घोषणा के माध्यम से बड़ी वाहवाही लूटी है जिसे किसान अपना अपमान समझ कर दोबारा झांसे में आने वाले नहीं हैं । सरकार ने अपने ऊपर75000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ने की बात कही है लेकिन बजट में केवल 20000 करोड़ रुपये का ही  प्राविधान किया है जो किसानों के साथ सीधा छलावा है । [3:46 PM, 2/2/2019] Ganga Ka Sandesh: केंद्र सरकार के बजट को राजनेता एवं व्यूरोक्रेट्स के हितों की रक्षा करने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान किसी खैरात का मोहताज नहीं है, वह केवल और केवल अपनी मेहनत और लागत के अनुरूप अपनी उपज का मूल्य चाहता है जिसे सरकार न देकर उसको तरह तरह के प्रलोभनों में बहका रही है । किसानों के लिए 17 रुपये प्रतिदिन की खैरात को मेहनतकश अन्नदाता का अपमान बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान यदि एक चाय और एक पकोड़ा खरीदता है तो उसे 20 रुपये देने पड़ते हैं, इसके अतिरिक्त आधा किलो दूध का मूल्य बीस रुपये, एक किलो आटे का मूल्य 25 रुपय