धर्म एवं संस्कृति से समाज का संवर्द्धन होता है और धार्मिक पर्व ही व्यक्ति को संस्कारित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। संस्कारित जीवन व्यक्ति को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करता है तथा सनातन धर्म पर्वों का सबसे बड़ा गुलदस्ता है जो वर्ष पर्यन्त व्यक्ति को सत्कर्म की प्रेरणा देता रहता है यही कारण है सनातन धर्म के अनुयायी सम्पूर्ण सृष्टि में सुखी एवं शान्त स्वभाव के होते हैं। हरिद्वार में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला श्रावण मास का कांवड़ मेला समाज में समरसता, सम्भाव एवं आर्थिक समानता लाने का सबसे बड़ा पर्व है जो समाज के सभी वर्गों में श्रद्धा, उत्साह एवं स्वरोजगार के साधन सृजित कर निराश व्यक्ति में भी आशा की किरणों का संचार कर देता है। समाज यदि सनातन धर्म के पर्वों की प्रधानता को स्वीकार कर ले तो किसी भी उद्योग या सरकार से रोजगार के लिए याचना ही नहीं करनी पड़ेगी। उत्तराखण्ड राज्य धर्म, संस्कृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के लिए विश्व का सबसे धनी राज्य है, यहां की राज्य सरकार यदि धर्म, पर्यटन, आयुष एवं ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य प्रारम्भ कर दे तो यह राज्य धरती का स्वर्ग और विश्व का सर्वाधिक सम्प